देहरादून: जंगली सुअरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए मिशन लाल लोमड़ी होगा शुरू

देहरादून, अमृत विचार। जंगली सुअरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार लाल लोमड़ी मिशन शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही बंदरों की आबादी रोकने के लिए 50 हजार बंदरों का बधियाकरण किया जाएगा।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सरकार की रणनीति बताई। सदन में नियम-58 के अंतर्गत विधायक मनोज तिवारी ने कहा, किसानों की खेती जंगली सुअर ने बर्बाद कर दी है। बंदरों का आतंक अलग है। विधायक प्रीतम सिंह ने कहा, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के दावे जंगली जानवरों के आतंक से हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। कहा, बाघ अब जंगल से निकलकर दहलीज तक आ गया है, लेकिन उन्हें मारने पर मुकदमा दर्ज होता है। जवाब में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया, वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पहले सुअर को मारने का प्रावधान किया गया था, लेकिन 2019 में इन नियमों में केंद्र ने बदलाव कर दिया था।
अब वन दरोगा को सुअर मारने के लिए अधिकृत किया गया है। बधियाकरण अभियान चलाया जा रहा है। बताया, सुअरों का आतंक खत्म करने के लिए सरकार मिशन लाल लोमड़ी शुरू करने जा रही है। बंदरों की आबादी नियंत्रित करने को हर साल 50 हजार बंदरों का बधियाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 9000 का इस साल हो चुका है। गुलदार को मारने के लिए केंद्रीय एक्ट के मुताबिक, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन के स्तर से आदेश तब होती है, जबकि यह स्पष्ट हो कि उसे पकड़ पाना मुश्किल है और उससे जनहानि हो सकती है।