बरेली: मुर्गियों को गर्मी सहनशील बनाने की कवायद शुरू, वैज्ञानिकों ने अपनाया नया तरीका

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Published By Preeti Kohli
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बरेली, अमृत विचार: बढ़ते तापमान और बदलते मौसम के बीच मुर्गियों की सहनशीलता बढ़ाने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार मुर्गियों के शरीर का तापमान 41-42 डिग्री सेल्सियस होता है। शरीर में पसीने की ग्रंथियां नहीं होने से इनमे से गर्मी वाष्प के रूप में बाहर नहीं निकल पाती है,

इससे गर्मियों में मृत्यु दर बढ़ जाती है और उत्पादन में भी कमी देखी जाती है जिससे मुर्गीपालकों को आर्थिक नुकसान होता है। इस नुकसान को कम करने के लिए केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं।

वैज्ञानिक डॉ. मतीन अंसारी ने बताया कि इस अध्ययन में वैज्ञानिक मुर्गियों को उनके भ्रूण विकास के दौरान उच्च तापमान पर रखा जा रहा है। इससे मुर्गियों के अंदर गर्मी सहन करने की शक्ति विकसित होगी। वैज्ञानिकों ने बटेर को शोध कार्य के लिए चिन्हित किया है, क्योंकि बटेर छह सप्ताह में अंडा उत्पादन (वयस्क) करने लगती है। ऐसे में साल में पांच-छह अवधियों में इसका अध्ययन किया जा सकेगा।

बटेर के अंडे को सामान्य तापमान 37.5 से 38.5 डिग्री सेल्सियस पर रखा गया है। गर्मी के प्रति सहनशीलता बढ़ाने के लिए अंडों को तीन दिन के लिए (अलग-अलग भ्रूण विकास अवधि के दोरान ) 39.5 डिग्री और 40.5 डिग्री सेल्सियस पर 10 घंटे के लिए रखा गया। अभी तक अध्ययन में परिणाम सकारात्मक रहे हैं। उन्होंने बताया ये प्रोजेक्ट 2026 में खत्म होगा। बटेर पर अध्ययन सफल होने के बाद इस अध्ययन को मॉडल को मानते हुए अन्य मुर्गियों पर भी लागू किया जा सकता है ।

संस्थान के निदेशक डॉ. एके तिवारी ने बताया कि ये शोध न केवल बटेर पालन को अधिक लाभकारी बना सकता है, बल्कि इससे सकारात्मक परिणाम पोल्ट्री उद्योग की अन्य मुर्गियों पर भी लागू किए जा सकेगा। वैज्ञानिकों की ओर से गर्मी के प्रति सहनशील नस्लें विकसित की जा सकेंगी। वर्तमान में प्रयोगशाला में नियंत्रित वातावरण में इसका परीक्षण किया जा रहा है।

बिना पंखों वाली कैरी धवल भी गर्मी सहनशील
सीएआरआई के वैज्ञानिकों ने इससे पहले बिना पंखों वाली कैरी घवल प्रजाति की मुर्गी को भी विकसित किया है। कैरी धवल के नर और मादा का वजन 20 सप्ताह की उम्र में 1600 और 1200 ग्राम होता है। मादा लगभग 21 से 22 सप्ताह की उम्र में अंडे देना शुरू कर देती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 45 डिग्री तापमान में भी ये साल भर 280 अंडे दे सकती है। पंख नहीं होने से इसे अन्य प्रजातियों से गर्मी कम लगती है।

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