हल्द्वानी: आड़े नहीं आईं सलाखें, जेल की मिठाई से किया भाइयों का मुंह मीठा

हल्द्वानी: आड़े नहीं आईं सलाखें, जेल की मिठाई से किया भाइयों का मुंह मीठा

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना काल के बाद ये पहला मौका है जब भाई-बहन के प्यार के बीच जेल की सलाखें आड़े नहीं आईं। गुरुवार को दो गज की दूरी को दरकिनार बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनसे रक्षा का वचन लिया। हालांकि कई बहनें अपने साथ लाई मिठाई भाइयों को खिलाने से वंचित रह गईं।

जेल प्रशासन को यह कदम सुरक्षा को देखते हुए उठाना पड़ा। जिसके तहत उप कारागार में खुली मिठाई ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जेल प्रशासन को उम्मीद थी कि इस बार भारी संख्या में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने जेल पहुंचेंगी और हुआ भी ऐसा ही। बहनों के पहुंचने का सिलसिला सुबह 8 बजे से ही शुरू हो गया था।

सुबह 9 बजे से जेल प्रशासन ने पर्चियां बनाने का काम शुरू किया और फिर सुबह 11 बजे से बहन-भाई की मिलाई का सिलसिला शुरू हुआ। एक बार में 150 बहनों को जेल के भीतर भेजा गया। इसी तरह यह सिलसिला शाम 4 बजे तक चला और 12 सौ से ज्यादा बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। 
   

जेल प्रशासन ने जेल के भीतर खुले मैदान में मिलाई का इंतजाम किया था। मैदान में बिछी दरी पर बैठ कर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक किया, कलाई पर राखी बांधी और उनसे न सिर्फ रक्षा का वचन लिया, बल्कि भविष्य में कोई अपराध न करने का भी वादा लिया। हालांकि जेल में जाने से पहले उन बहनों को खाने-पीने और वो मिठाई बाहर रखनी पड़ी जो सील पैक नही थी।

ऐसे में इन बहनों के लिए जेल प्रशासन ने जेल में ही मिठाई का इंतजाम किया था। जेल में इस वक्त 16 सौ से अधिक पुरुष बंदी और कैदी हैं। जबकि 91 महिला बंदी व कैदी हैं। महिला बंदी और कैदियों से भी राखी बंधवाने के लिए उनके भाई जेल पहुंचे।