Naag Panchami: नागों की पूजा क्यों की जाती है?

हल्द्वानी, अमृत विचार। नागों की प्रजाति एक ऐसी शक्तिशाली प्रजाति है जो मानवीय प्रजाति के साथ कलियुग तक जीवित बचे हैं। नाग पंचमी के दिन हम नागों को इसीलिए पूजते हैं क्योंकि पूर्व काल में वो हमारे गुरु हुआ करते थे। उनको ज्ञान का श्रोत माना जाता था। ऐसा भी कहा गया है कि जो आज के नाग के दादा-परदादा थे वो इनके उपेक्षा बहुत शक्तिशाली थे। ऐसा माना जाता है कि वो वापस नागलोक चले गए हैं और आज के नाग उनके शेष हैं।
नागों के बारे में ऐसा कहा गया है कि वो तब तक नहीं काटते जब तक उन्हें डराया ना जाए। नाग और योगी का बहुत गहरा रिश्ता है। कुंडलिनी योग को नाग के समान माना गया है। और ऐसा भी कहा गया है कि नाग को पता चल जाता है कि किस इंसान के अंदर की कुंडलिनी जागृत है।
यह भी माना जाता है कि जो इस दिन नागों की पूजा करता है उसे सर्प भय और काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। वासुकी, नागों का राजा जो भगवान शिव के गले में लिपटा हुआ है। देवी मनसा, वासुकी की बहन और भगवान शिव की बेटी मानी जाती हैं जिनकी बड़ी संख्या में भक्त पूजा करते हैं। कुल बारह प्रसिद्ध नागा हैं और हिन्दू धर्म में इनकी पूजा की जाती है।
- शेष नाग
- विषधर नाग
- वासुकि नाग
- शंखपाल नाग
- तक्षक नाग
- महापद्म नाग
- पद्म नाग
- करकोटक नाग
- कुलिक नाग
- अनंत नाग
- शंखचूर नाग
- घटक नाग