रायबरेली : अंगोला में मानव तस्करी के रैकेट से छूटा रायबरेली का युवक 

रायबरेली : अंगोला में मानव तस्करी के रैकेट से छूटा रायबरेली का युवक 

रायबरेली, अमृत विचार। अफ्रीकी देश अंगोला पर चीन की सरकार का दबदबा है। श्रीलंका, पाकिस्तान की तरह अंगोला में भी चीन अपना बर्चस्व बढ़ा रहा है। ऐसे में मानव तस्करी का केंद्र भी अंगोला बना हुआ है। रायबरेली के सलोन का रहने वाला युवक अंगोला में मानव तस्करों के चंगुल में फंस गया। युवक को अंगोला की एक फर्जी फार्मा कंपनी चीन की सेना को बेंचने में लगे थे। पता लगते ही युवक ने किसी तरह भारतीय दूतावास से सहायता मांगी और साथ ही रायबरेली पुलिस से संपर्क किया। जिसके चलते अंगोला में मानव तस्करी की रैकेट चलाने वालों को हाथ से युवक बचकर स्वदेश लौट आने में कामयाब रहा। 

सलोन के गांव कमालपुर निवासी दीप नारायण पुत्र लालता प्रसाद फार्मास्यूटिकल कंपनी में सेल्स का काम करते हैं। इस वर्ष उन्होंने नौकरी देने वाली एक नामचीन कंपनी में नौकरी के आवेदन किया। जिस पर मई माह में उनको चंडीगढ़ की एक कंपनी से कॉल आया। बकौल दीप नारायण कंपनी में खुद को निदेशक बताने वाले भानु पराशर ने मोबाइल पर बात की और उसके बाद एचआर रश्मि ने इंटरव्यू लिया। इसके बाद कॉल लैटर घर भेजा गया। इसमें अंगोला में नियोमेडिक्स फार्मा कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर नौकरी मिलने का उल्लेख किया गया। नियुक्ति पत्र में कंपनी का नाम नहीं था जिस पर तथाकथित निदेशक भानु पराशर को फोन किया गया तो उसने बताया कि डर की कोई बात नहीं है। दूसरा लैटर भेजा जा रहा है। इसके बाद दीप नारायण 11 जुलाई को अंगोला के लिए रवाना हो जाते हैं। 12 जुलाई को अब वह अंगोला पहुंचते हैं तो नियोमेडिक्स कंपनी के अधिकारी उनका पासपोर्ट मांगते हैं और उसके जब्त कर लेते हैं। जब इस पर बात की जाती है तो कहा जाता है कि वह शांत रहे, नहीं तो अंजाम बुरा होगा।

दीप नारायण के मुताबिक इसी दौरान चीन सेना से संबंधित कुछ लोगों की उसे लेकर बात होती है। इस पर दीप को शक हो जाता है कि उसकी तस्करी हो रही है। ऐसे में किसी तरह दीप छिपछिपा कर 1200 किलोमीटर की यात्रा कर अंगोला की राजधानी लुआंडा पहुंचता है और भारतीय दूतावास में संपर्क करता है। जिस पर भारतीय दूतावास के अधिकारी तथाकथित कंपनी के लोगों से पासपोर्ट वापस करने को कहते हैं लेकिन वह पासपोर्ट नहीं देते। इसके बाद किसी तरह दीप नारायण रायबरेली के एलआईयू कार्यालय में तैनात दरोगा अमित पांडेय ने मोबाइल पर बात कर सारी बात बताते हैं जिस पर एसपी आलोक प्रियदर्शी के निर्देश पर एलआईयू की टीम और सर्विलांस दीप नारायण की पूरी लोकेशन को अंगोला से ट्रेस कर उन लोगों से बात करती है तो दीप नारायण की तस्करी करने वाले थे। ऐसे में अंगोला में बैठे मानव तस्करी का रैकेट चलाने वाले खुद को खतरे में देख बीती 12 अगस्त को दीप नारायण का पासपोर्ट दे देते हैं जिसके बाद भारतीय दूतावास दीप नारायण को स्वदेश भेजने का प्रबंध करती है। 15 अगस्त की शाम को दीप सलोन पहुंचते हैं और मामले की जानकारी एसपी को देते हैं। मामले में एसपी आलोक प्रियदर्शी ने जांच के निर्देश दिए हैं।

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