मुरादाबाद : महिला शरणालय की तीन महिलाओं को दो साल बाद मिला परिवार, परिजनों से मिलकर भर आईं आंखें

अधिकारियों ने मिठाई खिलाकर किया विदा, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण लखनऊ का रहा सहयोग

मुरादाबाद : महिला शरणालय की तीन महिलाओं को दो साल बाद मिला परिवार, परिजनों से मिलकर भर आईं आंखें

मुरादाबाद, अमृत विचार। महिला शरणालय में आश्रय लिए तीन महिलाओं को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) लखनऊ कार्यालय की मदद से उनका परिवार मिला गया। तीनों महिलाएं दो साल से महिला शरणालय में रह रहीं थी। इनमें दो दिमागी हालत से कमजोर महिलाओं में एक के साथ ढाई साल का बच्ची भी थी। महिलाओं के परिजनों से संपर्क कर विभाग ने उनके परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया।

महिला शरणालय प्रभारी ने प्रेरणा सिंह ने बताया कि महिला शरणालय में आठ महिलाएं रह रही हैं। जिनमें तीन महिलाओं के बारे में सरकार द्वारा संचालित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा इनके आधार कार्ड की खोज की गई। जिनमें 9 अगस्त को बोल न पाने वाली अमिर फात्मा की रामपुर निवासी मां बिलकिस से संपर्क किया और उन्हें बताया कि उनकी 40 वर्षीय बेटी महिला शरणालय में है। इसी क्रम में 10 अगस्त को 2021 से महिला शरणालय में रह रही वेस्ट बंगाल निवासी दिमागी हालत से कमजोर 24 वर्षीय रूबी फात्मा के पति फिरोज खान से संपर्क कर उन्हें उनकी पत्नी के बारे में जानकारी दी गई। 

वहीं बरेली के गांव बरोरा की रहने वाली दिमागी हालत से कमजोर सीमा देवी दो वर्ष पहले अपने ढाई के बच्चे के साथ पाकबड़ा क्षेत्र में मिली थी। जिसे एसडीएम सदर ने महिला शरणालय में भिजवाया था। इनके भी पति संजीव कुमार को फोन कर शुक्रवार की शाम को जिला महिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय बुलाया। तीनों महिलाओं को पूर्व जिला महिला कल्याण अधिकारी राजेश गुप्ता और मौजूदा जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी व महिला शरणालय प्रभारी ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इतने दिनों बाद मिलकर परिजनों की आंखें भर आईं। महिला शरणालय अधिकारी ने परिजनों को मिठाई खिलाकर विदा किया।

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