बरेली: एनआईआरएफ रैंकिंग में टॉप 100 में शामिल होने का लक्ष्य
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कमियों को दूर कर बेहतर रैंकिंग का करें प्रयास

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) में ग्रेडिंग के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। देश के टॉप 100 संस्थानों में शामिल होने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। रविवार को राजभवन में कार्यशाला हुई, जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया।
वर्कशाॅप में राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को देश एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने के लिए विश्वविद्यालयों में आपसी तालमेल और परस्पर साझेदारी आवश्यक है। विश्वविद्यालय अपनी फैकल्टी की क्षमता संवर्द्धन के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक संबंध और छात्रों की भागीदारी सुदृढ़ करें। रुहेलखंड विश्वविद्यालय को नैक की उच्चतम ग्रेडिंग ‘ए प्लस प्लस‘ प्राप्त है। एनआईआरएफ में भी ग्रेडिंग के मापदंडों के अनुरूप कमियों को दूर कर प्रतिबद्धता के साथ बेहतर रैंकिंग के लिए प्रयास करें।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय ने पिछले दो बार के आवेदन और प्राप्त अंकों का डाटा प्रस्तुत किया। इस दौरान चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि यदि ठीक से तैयारी की जाए तो विश्वविद्यालय टॉप 100 में शामिल हो सकता है। जिसमें बताया गया कि इस बार विश्वविद्यालय के अंकों में सुधार हुआ है। विश्वविद्यालय का ग्रेजुएशन आउटकम ताकत है। डाटा को ठीक तरह से व्यवस्थित करने की जरूरत है। इसके अलावा परसेप्शन में सुधार के लिए दूसरे देशों में शिक्षकों और छात्रों को भेजा जाए और वहां के शिक्षकों और छात्रों को बुलाया जाए।
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग की भी दी गई जानकारी
कार्यशाला के दूसरे सत्र में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के बारे में जानकारी दी गई एवं उसकी तैयारी के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कार्यशाला में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बताते हुए कहा कि विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालय में शामिल होने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव सुरेश बोबडे , प्रो. पंकज जानी, विश्वविद्यालय से प्रो. विनय ऋषिवाल, प्रो. आलोक श्रीवास्तव, प्रो. आशुतोष प्रिय, प्रो. तुलिका, डॉ. क्षमा पांडेय, डॉ. आभा त्रिवेदी, डॉ. ज्योति, डॉ. उपेंद्र, डॉ. दीपक, डॉ. नवीन और डाॅ. भोला मौजूद रहे।
विश्वविद्यालय के सहयोग से बच्चों का भिक्षावृत्ति से करें उन्मूलन
राज्यपाल ने उम्मीद संस्था के साथ भी बैठक की। जिसमें उन्होंने संस्था को एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के समीप स्थित चौराहों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का उन्मूलन और उन्हें शिक्षा की ओर उन्मुख करने के निर्देश दिए।
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