हल्द्वानी: अय्याशी के बिस्तर पर अंकित को माही के कोबरा ने डसा

10 हजार रुपये और सपेरे के साथ हमबिस्तर होकर माही ने एक दोस्त और नौकर-नौकरानी संग रची हत्या की साजिश

हल्द्वानी: अय्याशी के बिस्तर पर अंकित को माही के कोबरा ने डसा

हल्द्वानी, अमृत विचार। व्यवसायी अंकित की हत्या के पीछे जो अंदेशा था, वही सच साबित हुआ। अंकित की हत्या सांप से डसवा कर की गई और इसकी रची उसी की गर्लफ्रैंड माही ने। माही अपने जीवन में अंकित के दखल से खफा थी और इसी वजह से उसने अंकित को रास्ते से हटाने की साजिश रची। इस साजिश में उसने एक सपेरे, एक हमबिस्तर दोस्त और नौकर-नौकरानी को शामिल किया था। सपेरा तो पुलिस की गिरफ्त में आ गया, लेकिन माही समेत अन्य आरोपी देश छोड़ कर फरार हो गए। 
   

बता दें कि रामबाग कालोनी रामपुर रोड निवासी अंकित चौहान (30) पुत्र स्व. धर्मपाल सिंह चौहान की बीते शनिवार की सुबह तीनपानी रेलवे क्रासिंग के पास अपनी ही कार की पिछली सीट पर लाश मिली थी। व्यवसायी अंकित की मौत के पीछे पहले कार की एसी से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस को वजह माना जा रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकित के दोनों पैरों पर सांप के डसने की बात सामने आई तो कहानी उलट गई।

हत्या की बात तब और पुख्ता हो गई, जब पुलिस ने तीनपानी में लगे सीसीटीवी में अंकित की कार के पास एक और कार को खड़ा देखा। पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि अंकित के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली गई तो बरेली रोड गोरापड़ाव में रहने वाली माही का नाम सामने आया।

इधर, अंकित की बहन ईशा चौहान पहले ही माही और दीप कांडपाल के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट हल्द्वानी कोतवाली में दर्ज करा चुकी थी। माही की कॉल डिटेल से भोजीपुरा बरेली के रहने वाले सपेरे रमेश नाथ और हल्दूचौड़ के रहने वाले दीप कांडपाल का नंबर सामने आया। सपेरे का नाम सामने आते ही हत्या की तस्वीर साफ होने लगी।

तलाश में जुटी पुलिस ने सपेरे रमेश नाथ को गिरफ्तार किया तो सारा मामला खुल गया। उसने बताया कि अंकित की हत्या माही के घर में की गई। जिसमें माही के साथ खुद सपेरा, माही का कथित ब्वॉयफ्रेंड दीप कांडपाल, नौकर राम अवतार और रामअवतार की पत्नी शामिल थी। सपेरे के अलावा अन्य चारों देश छोड़ कर फरार हो चुके हैं। सपेरे के मुताबिक सभी नेपाल में छिपे हैं। 
 

 घटना में सपेरे रमेश को शामिल करने के लिए माही ने पहले उसे गुरू बनाया और फिर नजदीकी बढ़ाकर उसे अपने घर ले आई। माही उसके साथ दो बार हमबिस्तर हुई और कत्ल को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपये भी दिए। पुलिस ने न सिर्फ सपेरे को गिरफ्तार किया बल्कि उसका मोबाइल और कत्ल के लिए दिए गए 10 हजार रुपये भी बरामद कर लिए हैं। 
 

हाथ पकड़े, पैर पकड़े, पीठ में चढ़कर सांप से डसवाया गया
हल्द्वानी : गिरफ्त में आया सपेरा रमेश नाथ पुलिस के सामने तोते की तरह बोला। उसने बताया कि घटना को अंजाम देने से पहले माही उसके साथ दो बार हमबिस्तर हुई और हत्या में शामिल होने के लिए 10 हजार रुपये भी दिए। बीते शुक्रवार की रात योजना के तहत माही ने रात करीब 8 बजे अंकित को घर बुलाया।

इससे पहले दोपहर 3 बजे ही सपेरा कोबरा सांप लेकर माही के घर पहुंच चुका था। माही ने सपेरे और नौकर-नौकरानी को मंदिर के कमरे में छिपा दिया था। जिसके बाद रात कथित ब्वॉयफ्रैंड दीप कांडपाल स्कूटी से माही के घर पहुंचा। योजना के तहत नशीली गोली खिलाकर अंकित को बेहोश कर दिया गया।

जिसके बाद उसे बेड पर उल्टा लिटाया गया। होश में आकर अंकित विरोध न करने लगे तो सांप से डसवाने से पहले एक ने उसके हाथ, दो ने उसके पैर पकड़े और चौथा अंकित की पीठ पर लद गया। जिसके बाद सपेरे रमेश ने कोबरा से अंकित के एक पैर में डसवाया, लेकिन वह जिंदा न रह जाए तो दूसरे पैर में भी ठीक उसी स्थान पर डसवाया गया। यहीं हत्यारों से चूक हो गई और उन्होंने पुलिस के लिए एक अहम सुराग छोड़ दिया। 


जिस दिन जन्मा, उसी दिन थी मारने की तैयारी
हल्द्वानी : अंकित की हत्या की साजिश पहले ही रची जा चुकी थी, लेकिन हत्यारों का पहला प्लान फ्लॉप हो गया। बीती 8 जुलाई को अंकित का जन्मदिन था और माही की योजना थी कि इसी दिन अंकित को मौत की नींद सुला दिया जाएगा। 8 जुलाई को माही ने अंकित को अपने घर बुलाया, लेकिन सपेरे रमेश को उससे पहले ही बुला लिया।

इस दिन सपेरा रमेश कम जहरीला सांप लेकर पहुंचा था। सपेरे ने बताया कि इस सांप के जहर से अंकित बच भी सकता है। जिसके बाद माही ने अंकित के बच जाने की आशंका पर हत्या की तारीख आगे बढ़ा दी। सातवें दिन 14 जुलाई को फिर कत्ल की योजना बनी और कहानी वही पुरानी थी। 
 

खाई में फेंकना था, फिर लाश क्रासिंग पर छोड़ कर भागे
हल्द्वानी : 14 जुलाई को हत्या के बाद अंकित की लाश को उसी की कार की पिछली सीट पर डाला गया। कार को दीप चला रहा था और उसके साथ सपेरा रमेश था। योजना था कि दोनों शव को भुजियाघाट ले जाएंगे और वहीं से नीचे खाई में फेंक देंगे।

रात करीब 11 बजे दोनों लाश के साथ कार से निकले और भुजियाघाट पहुंचे, लेकिन भुजियाघाट में जिस स्थान से लाश को फेंकना था, वहां लोग खड़े थे। काफी देर इंतजार के बाद भी जब लोग वहां से नहीं हटे तो दोनों वापस लौट पड़े और माही को इसकी जानकारी देने के साथ तीनपानी रेलवे क्रांसिंग के पास पहुंच गए।

जिसके बाद माही ने एक टैक्सी बुक की और नौकर-नौकरानी के साथ टैक्सी में सवार होकर रेलवे क्रासिंग पर पहुंच गई। शव को कार में एसी ऑन करके छोड़ दिया और फिर टैक्सी कार से फरार हो गए। 
 

हल्द्वानी से दिल्ली, बरेली और फिर नेपाल भाग गए चारों
हल्द्वानी : घटना को अंजाम देने के बाद माही सभी आरोपियों के साथ कार में सवार होकर दिल्ली निकल गई। यहां पहुंचने पर माही ने अपनी बहन को फोन कर आशरा मांगा, लेकिन उसने इंकार कर दिया। जिसके बाद टैक्सी कार छोड़ कर रात दिल्ली में गुजारी और अगले दिन सभी बस से बरेली के पुराने बस अड्डे पहुंच गए।

यहां सपेरा सभी से अलग होकर अपने घर भोजीपुरा चला गया। हालांकि सभी उस पर साथ पीलीभीत में नौकर-नौकरानी के घर चलने के लिए दबाव डाल रहे थे। बताया जाता है कि सपेरे के साथ न चलने पर सभी बरेली से पहले नौकर-नौकरानी के घर गए और फिर पकड़े जाने के डर से नेपाल भाग गए। अब पुलिस ने फरार इन चारों हत्यारोपियों की तलाश में मुखबिर तंत्र सक्रिय कर चुकी है। हालांकि पुलिस के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर आरोपियों को भारत लाना आसान नहीं है। 


माही ने मना किया था, लेकिन सपेरे ने ऑन कर दिया मोबाइल
हल्द्वानी : माही को पता था कि अगर पुलिस से बचाना है तो मोबाइल फोन बंद रखने होंगे। यही वजह थी कि घटना के बाद ही सभी के मोबाइल फोन बंद थे। माही ने सभी हिदायत थी कि कोई अपना मोबाइल ऑन नहीं करेगा और जब बरेली से सपेरा रमेश चारों आरोपियों से अलग हो रहा था, तब भी माही ने जोर देकर कहा था कि मोबाइल किसी भी कीमत पर ऑन मत करना, लेकिन सपेरे ने माही की बात नहीं मानी।

कुछ देर बाद ही उसने अपना मोबाइल ऑन कर दिया, लेकिन उसे पता नहीं था कि पुलिस को माही की कॉल डिटेल से उसका नंबर मिल चुका है और नंबर सर्विलांस पर है। मोबाइल ऑन होते ही पुलिस को रमेश को लोकेशन मिल गई। आनन-फानन में टीम को पीछे लगाया गया और रमेश पुलिस के हत्थे चढ़ गया। 


ढाई मिनट तक सीसीटीवी में दिखाई दी घटना स्थल पर दूसरी कार
हल्द्वानी : शव को खाई से फेंकने का प्लान फ्लॉप हुआ तो माही को पकड़ जाने का अंदेशा हो गया। अंकित के शव को कार से तीनपानी रेलवे क्रासिंग पर लाया गया। यहां लगे सीसीटीवी में अंकित की कार रेलवे क्रांसिंग की ओर जाती भी दिखाई दी। फिर देर रात में एक टैक्सी नंबर की कार उसी दिशा में जाती दिखाई दी।

दूर जाती इस कार की धुंधली तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो रही थी। टैक्सी नंबर की ये कार अंकित की कार के पास करीब ढाई मिनट तक रुकी रही और यहीं से पुलिस का शक गहरा गया कि अंकित की मौत एक सोची समझी साजिश है, जिसे एक ने नहीं बल्कि कई लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है। 


10 दिन पहले ही अंकित के घर हंगामा करके आई थी माही
हल्द्वानी : बताया जाता है कि अंकित काफी समय से माही के संपर्क में था। अंकित, माही के जीवन में हस्तेक्षेप कर रहा था और यही बात माही को नागवार गुजर रही थी। इसी के चलते हत्या से करीब 10 दिन पहले माही, अंकित के घर पहुंच गई थी और तब उसने अंकित के घर में जमकर हंगामा किया था।

पुलिस के मुताबिक जांच के शुरुआती दिनों में टीम माही के घर की जांच करना चाहती थी, लेकिन न्यायालय से इसकी अनुमति नहीं मिली थी। चूंकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि माही ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर अंकित की हत्या की तो साक्ष्यों को मजबूत करने के लिए पुलिस एक बार फिर न्यायालय से माही के घर की छानबीन करने की अनुमति मांगेगी। 

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