BJP के खिलाफ रणनीति पर बेंगलुरु में विपक्षी दलों का मंथन, दिया ‘हम एक हैं’ का संदेश
बेंगलुरु। विपक्ष की 26 पार्टियों के शीर्ष नेता दक्षिण भारत के इस प्रमुख शहर में इस बात को लेकर दो दिवसीय मंत्रणा करेंगे कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए। बैठक की शुरुआत से पहले यहां पोस्टरों के माध्यम से ‘हम एक हैं’ (यूनाइटेड वी स्टैंड) का संदेश देने का प्रयास किया गया।
ये भी पढ़ें - सोनिया गांधी और ममता बनर्जी सहित अधिकतर बड़े नेता पहुंचे बेंगलुरू, भाग लेंगे विपक्ष की बैठक में
इस नारे के पोस्टरों से बेंगलुरु की सड़कें पटी पड़ी हैं। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार,
द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कई अन्य नेता इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। शरद पवार के बैठक में शामिल होने से जुड़ी अटकलों को खारिज करते हुए खरगे ने दिल्ली में कहा कि उनकी पवार से बात हुई है और वह मंगलवार को बैठक में शामिल होंगे।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, खरगे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी और कुछ अन्य नेता सोमवार को बेंगलुरु पहुंच गए।
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी तथा जो लोग अकेले दम पर विपक्षी पार्टियों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भूत’ में नयी जान फूंकने की कोशिश में लगे हुए हैं। विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन की चर्चा 18 जुलाई को रही है और उसी दिन दिल्ली के एक पांचसितारा होटल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हो रही है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि राजग की बैठक में 38 दल शामिल हो रहे हैं। विपक्षी दलों की बैठक से पहले माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वाम दल एवं कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियां राज्य में भाजपा और टीएमसी दोनों का मुकाबला करेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पूरा प्रयास होगा कि भाजपा के खिलाफ मतों का बंटवारा कम से कम हो। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले राजग की कोई बात ही नहीं होती थी और कुछ दिनों से हम अचानक इसके बारे में पढ़ और सुन रहे हैं। खबरें है कि कल राजग की एक बैठक बुलाई गई है, तो जो राजग भूत बन गया था अब उसमें नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 26 विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ने, लोगों की समस्याओं का समाधान देने तथा ‘तानाशाही सरकार के क्रियाकलापों’ से उपजी चिंताओं से निपटने के लिए यहां हैं। सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे। दो दिवसीय सत्र की शुरुआत कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा आयोजित रात्रिभोज के साथ होगी और मंगलवार को एक और औपचारिक बैठक होगी।
चोटिल होने के चलते ममता बनर्जी के इस रात्रिभोज में शामिल होने की संभावना नहीं है। विपक्षी दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर काम करेंगे और मिलकर आंदोलन करने की योजना की घोषणा करने के साथ ही साझा घोषणापत्र और हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने विपक्षी दलों की बैठक से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि संसद में सभी विपक्षी दलों पर अकेले भारी पड़ने की बात करने के बाद अब प्रधानमंत्री को 30 छोटे-छोटे दलों को गिनने की जरूरत क्यों पड़ गई। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने से भारतीय जनता पार्टी घबरा गई है।
ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र: नांदेड़ जिले में स्कूल में घुसा भालू, वीडियो वायरल