सोनिया गांधी और ममता बनर्जी सहित अधिकतर बड़े नेता पहुंचे बेंगलुरू, भाग लेंगे विपक्ष की बैठक में
बेंगलुरु। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी विपक्षी दलों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ सोमवार को यहां पहुंचे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार तथा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया।
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इस बीच तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव , रालोद नेता जयंत सिंह , द्रमुक अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, और एमडीएमके महासचिव वाइको भी यहां पहुंचे हैँ।
हवाई अड्डे पर अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा कि दो तिहाई आबादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने जा रही है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि वे भाजपा को बड़ी हार देंगे। मैं कर्नाटक के लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने भाजपा को करारी हार दी। इसी तरह मुझे देश के सभी हिस्सों से इनपुट मिल रहे हैं कि भाजपा का सफाया हो जायेगा।”
.उन्होंने आगे कहा , “नकल करने वाले सफल नहीं होते। जब उन्हें बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के बारे में पता चला, तो उन्होंने (राजग) ने बैठक बुलाई। इसलिए जो नकल करता है, वह सफल नहीं होता है।” इससे पहले खड़गे ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि वह अकेले ही पूरे विपक्ष पर भारी है लेकिन अब वह खुद को शायद कमजोर महसूस कर रहे हैं इसलिए आम चुनाव के मद्देनजर उन दलों को भी साथ जोड़ने की कोशिश में हैं जिनको पहले महत्वहीन समझकर किनारे कर दिया गया था।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा,“मोदी जी ने संसद में कहा था कि ‘एक अकेला’ ही सब पर काफ़ी है, फ़िर उन्हें 29-30 पार्टियों की ज़रूरत क्यों पड़ी। हैरानी की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी को अचानक वैचारिक रूप से विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने की जरूरत महसूस हुई है।” खड़गे ने जोर दिया कि सभी समान विचारधारा वाले दल सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं और लोकतंत्र को कुचलने की इन कायरतापूर्ण रणनीति से नहीं डरेंगे।
उन्होंने कहा “हमारा जो गठबंधन है, वो तो संसद में एक साथ मिलकर काम करता है। उनका एक ही उद्देश्य है लोकतंत्र को ख़त्म करने के लिए विपक्ष को एजेंसियों के दुरुपयोग से धमकाना। पर हम निडर हैं। उनकी साज़िशों का डटकर सामना करेंगे और जनता की आवाज़ उठाएँगे।”
सिद्दारमैया ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था विपक्षी दलों ने नहीं बल्कि मोदी ने खराब की है और इसलिए सभी विपक्षी दल एक साथ आ रहे हैं। गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की पटना के बाद बेंगलुरु में यह दूसरी बैठक है।
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