बरेली: सराय एक्ट कानून 156 साल पुराना...एक रुपये का जुर्माना, 1867 में बनाए गए एक्ट में कड़ी कार्रवाई का प्रावधान नहीं
बिना पंजीकरण जिले में सैकड़ों की संख्या में चल रहे होटल और गेस्ट हाउस

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार : बिना पंजीकरण चल रहे होटलों पर सराय एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन ब्रिटिश काल में 1867 में बना यह कानून आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। 156 साल पुराने हो चुके एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक्ट के तहत बिना पंजीकरण होटल चलते पाए जाने पर महज एक रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
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यही वजह है कि होटल संचालक बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिम्मेदार भी कड़ी कार्रवाई न कर पाने की दुहाई देकर काम चला रहे हैं। जिले में सैकड़ों की संख्या में होटल, गेस्ट हाउस और लॉज संचालित हैं, लेकिन सिर्फ 111 पंजीकृत हैं। बाकी नियम-कानून के विपरीत चल रहे हैं।
नियम अनुसार पर्यावरण, बिजली, निगम, खाद्य सुरक्षा, अग्निशमन विभाग की एनओसी के साथ ही संचालकों को पुलिस की ओर से चरित्र प्रमाणपत्र लेना जरूरी होता है। इन सभी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही होटल, गेस्ट हाउसों को चलाने का अधिकार होता है, लेकिन मनमानी पर उतारू होटल संचालक उल्टी गंगा बहा रहे हैं।
अधिकारियों की चुप्पी की कहीं ये वजह तो नहीं...! : सूत्रों की माने तो नियमों की अनदेखी करने वाले संचालकों की कहीं न कहीं रसूखदार लोगों से मजबूत पकड़ होती है। उसी का सहारा लेकर अवैध तरीके से होटलों का संचालन करते रहे हैं। पुलिस और अन्य विभाग के अफसर भी जानकर भी कार्रवाई के नाम आंखें मूंद लेते हैं। वहीं, अधिकारियों को भी पता है कि इस एक्ट में कुछ होने वाला है नहीं, तभी वे भी खामोश रहते हैं।
तीन बार उल्लंघन पर निरस्त होगा रजिस्ट्रेशन: जानकारों के अनुसार, पिछले दिनों सराय अधिनियम 1867 की धारा 13 के तहत राज्य सरकार की विनियम बनाने की शक्ति का प्रयोग करते हुए कैबिनेट ने उप्र होटल व अन्य पूरक आवास (नियंत्रण) विनियम-2023 को स्वीकृति दे दी है, जिसमें जरूरी आवश्यकताओं का प्रावधान करते हुए होटल, गेस्ट हाउसों के मुख्य प्रवेश द्वार पर पंजीकरण प्रमाणपत्र को चस्पा करना होगा। एक्ट के उल्लंघन पर जुर्माने की राशि तो वही रहेगी, लेकिन तीन बार अवहेलना करने पर रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।
खत्म हो सकता है सराय एक्ट: विभागीय सूत्रों के अनुसार इतने साल पुराने सराय एक्ट को खत्म करने पर विचार किया जा रहा है। सरकार आने वाले समय में इस एक्ट को खत्म कर होटल, गेस्ट हाउस संचालकों पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए नया कानून ला सकती है। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं। हालांकि, कानून कब खत्म होगा, पुख्ता तौर पर अभी इसको लेकर कुछ कहना मुश्किल है।
सराय एक्ट काफी पुराना है। आज भी होटल, गेस्ट हाउस आदि का पंजीकरण इसी एक्ट के तहत होता है। बिना पंजीकरण पर एक रुपये जुर्माने का प्रावधान है। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए विभाग प्रशासन की मदद से प्रयास करेगा।- बृजपाल सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी
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