असमः 11 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से की परिसीमन प्रक्रिया रोकने की मांग

नई दिल्ली। ‘यूनाइटेड अपोजिशन फोरम’ (यूपीएफ) के तहत असम के 11 विपक्षी दलों के नेताओं ने शनिवार को चुनाव आयोग (ईसीआई) से पूर्वोत्तर राज्य में चल रहे परिसीमन अभ्यास के संबंध में हाल ही में आयोग की ओर से प्रकाशित मसौदे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अभ्यास को तुरंत रोकने की मांग की।
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प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूपीएफ के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने असम में परिसीमन अभ्यास का जिक्र करते हुए कहा, “हम परिसीमन की पूरी प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। हम ईसीआई से परिसीमन को तुरंत रोकने की मांग करते हैं।” असम कांग्रेस के अध्यक्ष बोरा ने कहा,“हम पहले ही दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राष्ट्रीय दलों के कई नेताओं से मिल चुके हैं।
हमारे अध्यक्ष ने लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई को पहले ही अवगत करा दिया है और बेंगलुरु में विपक्ष की आगामी बैठक में वह हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे तथा इस मुद्दे को उठाएंगे।” विपक्ष के नेताओं ने गुरुवार रात यहां श्री खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
गोगोई ने कहा, “कल, चुनाव आयोग ने असम के 11 राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया, जिन्होंने राज्य में परिसीमन अभ्यास के बारे में जानकारी देने के लिए समय मांगा था। चुनाव आयोग भाजपा की ‘कठपुतली’ बन गया है।” एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा,“यूपीएफ प्रतिनिधिमंडल ने अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात की और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे संसद के आगामी मानसून सत्र में इस मुद्दे (परिसीमन) में अपना समर्थन देंगे।”
असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा, “हम परिसीमन के मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ हैं।” रायजोर दल के प्रमुख और विधायक अखिल गोगोई ने कहा,“परिसीमन का मसौदा प्रस्ताव असंवैधानिक है।” असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने कहा,“परिसीमन के जरिये भारतीय जनता पार्टी अपने ‘वोट बैंक’ को बचाने के लिए कर रही है। इसलिए, हम इसका विरोध करते हैं।”
निर्दलीय राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुइयां ने पोल पैनल द्वारा प्रकाशित परिसीमन मसौदे का जिक्र करते हुए कहा किसी को भी विश्वास में नहीं लिया गया। गौरतलब है कि पिछले महीने, चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 8-ए के प्रावधान के अनुसार असम के लिए विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए मसौदा प्रस्ताव प्रकाशित किया था।
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