फर्जीवाड़ा: रामपुर के सीएफओ को दिया गया मुरादाबाद का अतिरिक्त प्रभार

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Published By Priya
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सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) संजय कुमार ने रची थी मनगढ़ंत कहानी, सीएफओ भी निपटे, जांच में साफ हुई फर्जीवाड़े की योजना, माया मिली न राम...सभी आठ लीड फायरकर्मी रिवर्ट

मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रमोशन में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) पद का अतिरिक्त चार्ज रामपुर जिले के सीएफओ अंकित मित्तल को दिया गया है। अग्निशमन अधिकारी ज्ञान प्रकाश शर्मा ने बताया कि तत्कालीन सीएफओ सुभाष कुमार अब चैंबर में नहीं बैठ रहे हैं। सुभाष कुमार ने सीयूजी नंबर भी कार्यालय में जमा कर दिया है। अब इस सीयूजी नंबर को रामपुर सीएफओ से अनुमति लेकर सक्रिय करेंगे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय के सीआरके (प्रधान लिपिक) मुकेश कुमार मलिक ने बताया कि सीएफओ सुभाष चौधरी के निलंबन का आदेश उन्हें रिसीव भी कराया जा चुका है। इस प्रकरण की जानकारी पांच मई को अधिकारियों को हो गयी थी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक यातायात ने पूरी मामले की जांच की थी। सत्यता पाए जाने पर सबसे पहले सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) संजय कुमार का निलंबन हुआ। जिन आठ लीडिंग फायर कर्मियों को प्रोन्नति दी गई थी, वह रिवर्ट कर दिए गए। निलंबन अवधि में संजय कुमार पीएसी हेड क्वार्टर में संबद्ध हैं। प्रकरण में एसएसपी हेमराज मीना के आदेश पर सीआरके (प्रधान लिपिक) मुकेश कुमार मलिक ने सिविल लाइंस थाने में 31 मई को रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) संजय कुमार को नामजद किया था, जबकि अन्य फायर कर्मियों के विरुद्ध बेनाम में केस दर्ज कराया था।

यह है पूरा मामला
रिपोर्ट में कहा गया कि सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) संजय कुमार वर्ष 2017 से 11 मार्च 2023 तक प्रधान लिपिक एसएसपी कार्यालय में बतौर सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) के पद पर तैनात रहे। इन्हें एसएसपी ने 19 दिसंबर 2022 से सशस्त्र पुलिस फायर सर्विस, एलआईयू, उर्दू अनुवादक, चतुर्थ श्रेणी व भवन लिपिक आदि से संबंधित कार्य आवंटित किए थे। इन्होंने तीन मार्च 2023 को तथाकथित अधिसूचना (15 जनवरी 2023) के आधार पर आठ लीडिंग फायरमैन/फायर सर्विस चालक को सहायक उप निरीक्षक के संबंध में निर्धारित वर्दी के लिए एसएसपी से आदेश करा लिए, जबकि कार्यालय पत्रावली पर उपलब्ध तथाकथित अधिसूचना शासन से जारी नहीं हुई थी। 

इसके बावजूद भी इनके द्वारा बिना शासन से जारी किसी नियमावली को पत्रावली का भाग बनाया गया। यही नहीं, छल करने की नियत से तीन मार्च 2023 को फर्जी आदेश बनाकर जारी कराया गया। पत्रावली पर तत्कालीन एसएसपी का वर्ष 2019 को 11 फायर सर्विसकर्मियों को सहायक उप निरीक्षक के लिए निर्धारित वर्दी धारण करने संबंधी वर्ष 2021 का निरस्त आदेश भी उपलब्ध है। इस तरह सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) संजय कुमार हाल तैनात अनुभाग-1 पीएसी मुख्यालय लखनऊ व अन्य फायर कर्मियों द्वारा यह जानते हुए कि संबंधित अधिसूचना मिथ्या है, फिर भी इस तथाकथित अधिसूचना को सही रूप में प्रयोग करते हुए आठ फायर सर्विस कर्मियों को गलत पदोन्नति दी गई। इसमें संजय कुमार के संग अन्य फायर कर्मियों को भी दोषी मानकर इनके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाई गई है।

जानिए क्या है पदोन्नति का नियम
अग्निशमन अधिकारी ज्ञान प्रकाश शर्मा बताते हैं कि तीन फीती धारण करने वाले लीडिंग फायरमैन (हेड कांस्टेबल) होते हैं। तीन फीती प्रक्रिया के सात साल बाद ऐसे कार्मिकों को एक स्टार धारण कराने का नियम है। लेकिन, कहलाते वह लीडिंग फायरमैन ही हैं। हां, पदोन्नति से इनका प्राेन्नत वेतनमान एसआई (दारोगा) ग्रेड का मिलने लगता है। फिलहाल, ये सभी आठ फायर सर्विस कर्मी प्रोन्नत वेतनमान से रिवर्ट हो गए हैं।

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