Unnao News : माटी मोल हुआ फलों का राजा दशहरी, नालियों में फेंकने को मजबूर बागवान, पढ़ें- पूरी खबर
उन्नाव में फलों का राजा दशहरी माटी मोल हुआ।

उन्नाव में फलों का राजा दशहरी माटी मोल हुआ। बागवान नालियों में फेंकने को मजबूर हो रहे है। बारिश के बाद तेजी से पकने के चलते कीमत नहीं मिल रही।
उन्नाव, अमृत विचार। उन्नाव में लगातार हो रही बारिश ने फलों के राजा दशहरी को दागदार व बेस्वाद कर दिया है। इससे बागवानों की कमर टूट गई है। बारिश ने जहां क्षेत्र के बागवानी में लगे आम की सूरत बिगाड़ दी है वहीं, इसके किसानों की माली हालत खराब करने में भी कोई कोर कसर नही छोड़ी है। अधिक बारिश व ज्यादातर अमियां डाल में ही पकने से आम की कीमत में बेहद गिरावट आई है। इससे मंडी में इसके सही दाम न मिलने से ज्यादातर आम सड़ने से बागवान इसे नालों में फेंकने को मजबूर हैं।
30 से 40 रुपये किलो बिकने वाले दशहरी की 10 रुपए किलो भी नहीं हो रही पूछ
बीते एक पखवाड़ा से हो रही तेज धूप के बाद झमाझम बारिश के चलते पूरे देश ही नहीं बल्कि, विदेशों में प्रसिद्ध आम के राजा कहा जाने वाला दशहरी बेस्वाद हो चुका है। आम के खराब होने से किसान इसे औने पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। जबकि, यहां का आम मिठास व उच्च क्वालिटी के लिए जाना जाता है।
आम बेचने वाले व्यापारियों अरविंद कुमार व चन्द्रशेखर ने बताया कि बारिश ने उन लोगों की हालत बिगड़ कर रख दी है। क्योंकि जिस आम की बहुतायत संख्या में देश-विदेशों तक सप्लाई होती थी। बारिश व उमस के कारण यह तेजी से पक रहा है। ऐसे में इसका निर्यात पूरी तरह ठप हो गया है। बारिश ने ऐसा कहर ढाया कि पेड़ों पर लगे आम पूरी तरह से बेस्वाद व बदसूरत हो गए हैं। जिसके कारण मजबूरन किसानों को इसे औने पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है। आलम यह है कि बाज़ारों में आम का राजा दशहरी 10 से 20 रुपये किलो तक बिक रहा है। हालांकि हर वर्ष कच्ची दशहरी 15 से 25 रुपये किलो तक बिकती थी। पाल का आम 20 से 35 प्रति किलो रहता था। लेकिन, इस बार इनकी कीमतों में बेहद गिरावट आई है।
बागवानों को चौसा व सफेदा से सहारा
दशहरी की कीमत में आई भारी गिरावट के कारण अब बागवानों को चौसा व लखनऊवआ सफेदा से सहारा है। जहां हर वर्ष दशहरी 30 से 40 प्रति किलो, पाल का आम 20 से 30 प्रति किलो बिकता था। वहीं इस बार इसकी कीमत 10 से 20 किलो ही बची है। बागवानों के मुताबिक चौसा भी आम में बेहद पसंदीदा होता है। अबकी उसकी कीमत 30 से 60 के बीच होनी चाहिए। जिससे दशहरी के नुकसान की भरपाई हो सके।