रायबरेली: पढ़ाई से पहले बच्चों ने लगाई झाड़ू, गुरुजी की खुली कलई

रायबरेली: पढ़ाई से पहले बच्चों ने लगाई झाड़ू, गुरुजी की खुली कलई

रायबरेली/अमृत विचार। गर्मी के लंबे अवकाश के बाद सोमवार को जब प्राथमिक और कंपोजिट तथा उच्च प्राथमिक स्कूल खुले तो ढर्रा बदला नहीं नजर आया। गुरुजी साहब सरीखे स्कूल में आए और कुर्सी पर बैठ गए और बच्चों को हाथ में झाड़ू पकड़ाकर स्कूल की साफ-सफाई का हुक्म दिया। बेचारे नौनिहाल हाथ में झाड़ू लेकर पढ़ने से पहले स्कूल को साफ करने के लिए मजबूर हुए।

हाल यह रहा कि कोई हाथ से झाड़ू लगा रहा था तो कोई डस्टबिन साफ करता नजर आया। वहीं मिड-डे मील का हाल यह रहा कि पहले दिन मेन्यू के अनुरूप खाना नहीं बना। कुछ स्कूलों में तो अधपकी रोटी बनाकर बच्चों को दे दी गईं जिससे बच्चों ने नहीं खाया तो वह जमीन पर पड़ी मिलीं। 

सोमवार को गुरु पूर्णिमा के दिन स्कूल खुले तो शिक्षक-शिक्षिकाओं ने गुरु दीक्षा के रूप में स्कूल की सफाई की गुरु दक्षिणा मांग ली। नतीजा यह रहा कि जिले के 80 फीसदी सरकारी स्कूलों में बच्चों को ही स्कूल की पहले दिन सफाई करनी पड़ी। हालांकि पहले दिन बच्चों की संख्या कम रही तो ऐसे में पढ़ाई की जगह पहले सफाई कराई गई और उसके बाद शिक्षिकों ने बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया। कुछ स्कूलों में रटा-रटया क-ख-ग लिखो का आदेश सुनाकर शिक्षक-शिक्षिका अपने मोबाइल पर लगे रहे। 

सीन एक: कंपोजिट विद्यालय ममुनी सलोन 
सलोन के कंपोजिट विद्यालय ममुनी सलोन में पहले दिन बच्चों से झाड़ू लगवाई गई। कोई बच्चा कुर्सी तो कोई कचड़े का डस्टबिन कमरे में रखते दिखाए पड़े। वहीं मौके पर मौजूद शिक्षक भोजन खाते और मोबाइल चलाते रहे। कंपोजिट विद्यालय ममुनी में गर्मी के अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर कक्षा एक में 3 बच्चे ,कक्षा पांच में 4,कक्षा दो में 13,कक्षा तीन में 5,कक्षा चार में 4 बच्चे,कक्षा तीन में 3 बच्चे ,कक्षा सात में 5 बच्चे और कक्षा  आठ में 1 कुल 38 बच्चे आये हुए थे। शिक्षकों की संख्या पूरी मिली लेकिन वह अपने खुद के काम में व्यस्त रहे। स्कूल के प्रधानाचार्य लालता प्रसाद के मुताबिक मिड-डे मील में दाल चावल बना था। रोटी क्यों नहीं पकी तो  बताया गया कि आटा नहीं था। 

सीन दो: प्राथमिक विद्यालय अशिकाबाद, सलोन
मिड-डे मील में आलू लौकी की सब्जी रोटी बनी तो वहीं बच्चों को दी जाने वाली रोटी में चींटियां चल रही थी। जबकि सहायक अध्यापक बच्चों को पढ़ाने की जगह  मोबाइल फोन में मस्त दिखे। प्रधानाचार्य गिरजेश चन्द्र के मुताबिक कक्षा पांच में 2,कक्षा तीन में 5, कक्षा चार में 8,कक्षा दो में 2 बच्चे,कक्षा एक में दो आये हुए थे। शिक्षक तो पूरे थे लेकिन कोई भी अध्यापक बच्चों को पढ़ाते नहीं मिला। पूछने पर पहले दिन का हवाला दिया गया।

सीन तीन: पूर्व माध्यमिक विद्यालय केवली महिमा, सलोन 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय केवली महिमा की प्रधानाचार्या छाया सिंह ने बताया कि कक्षा 6 में 1 बालक,कक्षा 7 में 1 बालक,कक्षा 2 में 2 बालिका आई हुई है। यहां भी बच्चों को कोई शिक्षक पढ़ाता नहीं मिला। बच्चे टेबल पर बैठे मिले।  मिड-डे मील नहीं बना तो बच्चों को समोसा दिया गया। 

सीन चार: प्राथमिक विद्यालय बेलागुशीशी, भदोखर 
गर्मी की छुट्टियों के बाद खुले  विद्यालयों में जहां साफ सफाई का अभाव दिखा वहीं विद्यालय में पंजीकृत छात्रों के अनुपात में उपस्थिति बेहद कम रही। प्राथमिक विद्यालय बेलागुशीशी में 145 छात्रों के सापेक्ष उपस्थिति सिर्फ 15 रही। विद्यालय में एमडीएम बनता मिला। वहीं विद्यालय से 100 मीटर की दूरी पर बने दो अतिरिक्त कक्ष बदहाल मिले। कमरे के बाहर बड़ी-बड़ी झाड़ियां और पानी भरा मिला।  आंगनबाड़ी के लिए बनाया गया शौचालय भी बदहाल मिला।

एमडीएम में रोटी-सब्जी और फल किए गए वितरित 
महराजगंज के संविलियन विद्यालय मोन में पंजीकृत 310 छात्रों के सापेक्ष 108 बच्चे उपस्थित रहे। सभी शिक्षक व अनुदेशक उपस्थित रहे। एमडीएम में रोटी सब्जी व फल में आम वितरित किए गए। उच्च प्राथमिक विद्यालय कुशमहुरा में 201 के सापेक्ष 140 छात्रों की उपस्थिति रही। सभी तीन शिक्षक व दोनों अनुदेशक उपस्थित रहे। एमडीएम में रोटी-सब्जी व फल वितरित किए गये।

क्या कहते जिम्मेदार 
स्कूलों में जहां कहीं भी बच्चों से साफ-सफाई कराई गई है उसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा जाएगा। उसके बाद कार्रवाई होगी ...शिवेंद्र सिंह,बीएसए।

यह भी पढ़ें:-माफ कीजिएगा, मेरा नाम..., मैं आपसे इश्क करता हूं, डिलीवरी ब्वॉय ने महिला को किया प्रपोज, जानें फिर क्या हुआ