बहराइच : जिले की बदहाल बिजली व्यवस्था पर पूर्व ऊर्जा मंत्री ने जताई नाराजगी
अमृत विचार, बहराइच । भीषण गर्मी में जिले की बदहाल हुई बिजली व्यवस्था पर पूर्व ऊर्जा मंत्री ने गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि चरमराई बिजली व्यवस्था से जिले के किसान अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहें हैं।
सपा सरकार के दौरान ऊर्जा मंत्री रहे यासर शाह ने शनिवार को सपा के जिला कार्यालय पर कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 22 जून तक प्रदेश को बिजली कटौती से मुक्त करने का फरमान जारी किया था। लेकिन जिला समेत पूरे प्रदेश में इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। उन्होंने कहा कि सबसे बुरी स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की हो गई है। एक तरफ ग्रामीण इलाकों में बिजली न मिलने से लोग बेहाल व परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर आसमान से बरसती आग के चलते किसानों की सब्जियां, गन्ना व मेंथा की फसल के साथ धन की नर्सरी भी पानी न मिलने से सूख रहीं हैं।
पूर्व मंत्री शाह ने कहा कि सपा की सरकार के दौरान जनता की सुख सुविधाओं को देखते हुए बिजली के क्षेत्र में जो आधारभूत ढांचा खड़ा किया गया था। वह ढांचा पूरी तरह भाजपा सरकार की उपेक्षा व अनदेखी के चलते चरमरा गया है। पूर्व मंत्री शाह ने बताया कि सपा के शासनकाल में जिले में 33/11 केवीए के 47 नए बिजली उपकेंद्र स्थापित कराए गए थे। इसके अतिरिक्त जिले के मल्लापुर, पयागपुर, जरवल व नानपारा में 132 केवीए उपकेंद्र और मल्लापुर से रिसिया व मटेरा बाजार तक 21 किलोमीटर लंबी 38 केवीए की लाइन का निर्माण कराया गया था।
उन्होंने बताया कि हेमरिया में 220 केवीए का बिजली उपकेंद्र व भूमिगत लाइनों बनाने के लिए दो सौ करोड़ की योजना के तहत कार्य भी कराया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गरीब परिवारों को नि:शुल्क गैस सिलेंडर देने का दावा करती है, लेकिन प्रधानमंत्री के दावे की पोल उस समय खुल गई जब मिहींपुरवा के ग्राम मोगलहनपुरवा में चूलहे की चिंगारी 250 फूस के मकान जलकर राख हो गए। पीड़ित आज इस चिलचिलाती गर्मी में खुली छत के नीचे अपने परिवार व बच्चों के संग जीवन जीने को विवश है। सरकार को अपने झूठे दावों की हकीकत जमीनी स्तर पर देखना चाहिए।
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