एक्शन में डीएम : नगर पालिका चेयरमैन के आवास पर प्रशासन ने जड़ा ताला
शत्रु संपत्ति पर काबिज गोंडा नपाप अध्यक्ष को किया बाहर
डीएम के तेवर पर तहसील प्रशासन हरकत में, आनन फानन में पूरी की सील की कार्रवाई
गोंडा,अमृत विचार। जिलाधिकारी नेहा शर्मा का एक्शन लगातार जारी है। बुधवार की देर शाम डीएम के निर्देश पर नगर पालिका परिषद की चेयरमैन उज्मा राशिद के आवास पर प्रशासन ने ताला जड़ दिया। पालिका चेयरमैन ने सत्रु संपत्ति की जमीन पर कब्जा कर अपना आवास बना रखा था। चार महीना पहले ही उज्मा राशिद को कब्जा हटाने की नोटिस दी गयी थी, लेकिन तत्कालीन अफसरों की शिथिलता के चलते कब्जा हटाने की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी थी।
नवागत डीएम को जब इस आदेश की जानकारी हुई तो उन्होने तत्काल कब्जा हटाने के निर्देश दिए। डीएम के निर्देश पर तहसीलदार व नायब तहसीलदार की टीम ने मौके पर पहुंच कर नगर पालिका चेयरमैन को बाहर का रास्ता दिखाते हुए मकान को सीज कर उस पर प्रशासन का ताला जड़ दिया। डीएम ने इस नगर कोतवाली व नगर पालिका के अधिकारी को नियमित रूप से इस संपत्ति की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
आजादी के बाद 1968 में सत्रु संपत्तियां तय की गईं थीं। पाकिस्तान बंटवारे से यहां जो लोग संपत्ति छोड़कर चले गए और वहां के नागरिक हो गए थे। उनकी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करके शासन ने अपने संरक्षण में ले लिया था। 2017 में केंद्र सरकार की ओर से संशोधन किया गया, और कई तरह के नियंत्रण किए गए। इसके बाद से लोगों की निगाहें शत्रु संपत्तियों पर टिक गई। नगर पालिका परिषद की चेयरमैन उज्मा राशिद ने रकाबगंज स्थित सत्रु संपत्ति की जमीन पर कब्जा कर लिया था और नियम विरुद्ध नक्शा स्वीकृत कराकर उसपर मकान का निर्माण करा लिया था।
शासन ने वर्ष 2021 में इसकी जांच के आदेश दिए थे। लेकिन अफसरों शिथिलता से मामला लटकता रहा। इसी वर्ष मार्च में नगर पालिका चेयरमैन को मकान खाली कराने के लिये नोटिस दिया गया था लेकिन मामला फिर ठंढे बस्ते में चला गया था। नवागत जिलाधिकारी नेहा शर्मा को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम के निर्देश पर बुधवार की देर शाम सदर अखिलेश कुमार राजस्व टीम के साथ रकाबगंज स्थित आवास पर पहुंचे और बेदखली की कार्रवाई करते हुए नगर पालिका चेयरमैन अध्यक्ष को बाहर कर दिया और मकान पर प्रशासन का ताला जड़ दिया। प्रशासन ने दरवाजे पर अपना ताला जड़ दिया। तहसीलदार अखिलेश कुमार ने बताया कि कब्जेदार ने नोटिस के बाद भी शत्रु संपत्ति खाली नहीं किया था। इसलिए बेदखली की कार्रवाई की गई है। डीएम ने इसकी निगरानी की। जिम्मेदारी नगर कोतवाली व नगर पालिका के अधिकारी को सौंपी गयी है।
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