दिवाली की आतिशबाजी से जहरीली हुई मुरादाबाद की हवा, देश के कई सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हुआ महानगर

महानगर के कांशीराम नगर व सेवायोजन कार्यालय क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर 350 के पार पहुंचा

दिवाली की आतिशबाजी से जहरीली हुई मुरादाबाद की हवा, देश के कई सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हुआ महानगर

मुरादाबाद, अमृत विचार। दिवाली की रात महानगर में जमकर हुई आतिशबाजी से हवा जहरीली हो गई। महानगर के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार की शाम को 350 के खतरनाक स्तर को पार कर गया। मुरादाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक मैरून जोन में पहुंच गया और देश के कई सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल रहा।

मुरादाबाद में दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई। दिवाली की पूरी रात लोगों को पटाखों के कानफोड़ू धमाकों के शोर का सामना करना पड़ा। सुबह वातावरण में पटाखों का धुंआ धुंध बनकर छाया रहा। इसका असर दोपहर तक बना रहा। पटाखों के बारूद की गंध ने तमाम लोगों को परेशान रखा। शुक्रवार की शाम फिर आतिशबाजी शुरू होने के बाद वायु प्रदूषण और बढ़ गया। महानगर के कई क्षेत्रों में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार रहा तो शाम 7 बजे यह बढ़कर 350 को पार कर गया, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और बढ़ गई।

प्रदूषण विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार की शाम 7:00 बजे महानगर के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों की बात करें तो कांशीराम नगर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) रहा। कांठ रोड पर सेवायोजन कार्यालय क्षेत्र में 355 रहा, जबकि दिल्ली रोड पर स्थित बुद्धि विहार में सूचकांक 343, ईको हर्बल पार्क क्षेत्र में 309, जिगर कॉलोनी में 306 और ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में 269 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) रहा। बढ़े एक्यूआई की वजह से सांस लेने में तकलीफ के चलते कई लोगों ने खुद खुले में जाने से परहेज किया। 

नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि निगम के पर्यावरण अभियंता को स्प्रिंकलर से सड़कों और पेड़ों पर छिड़काव कराने का निर्देश दिया है। लोगों से भी अपील है कि वह वायु प्रदूषित करने वाले कार्यों से बचें। सुरक्षित तरीके से त्योहार मनाएं। वहीं जिला अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रवीण शाह ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ने पर अस्थमा व सांस के मरीजों को दिक्कत अधिक होती है। इसलिए ऐसे मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए। धूल, धुएं, मिट्टी वाली जगहों पर न जाएं। सांस तथा दमा के मरीज विशेष सतर्कता बरतें।

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