रेड्डी हत्या मामला: वाईएसआर सांसद की अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिवंगत सांसद वाई एस विवेकानंद रेड्डी की पुत्री द्वारा दायर याचिका को 19 जून तक के लिए टाल दिया। इस याचिका में दिवंगत सांसद की हत्या के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत देने वाले तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने याचिकाकर्ता सुनीता नरेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा को गर्मी की छुट्टी होने के कारण मामले में बहस करने की अनुमति नहीं दी। पीठ ने कहा कि इस मामले में कई तकनीकी पहलू शामिल हैं, इसलिए यह बेहतर होगा कि कोई वरिष्ठ वकील द्वारा उनकी सहायता की जाए।
पीठ ने कहा, "हम छुट्टी के दौरान वरिष्ठ वकील को बहस करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, ताकि कनिष्ठ वकील को एक मौका दिया जा सके। अगर हम वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा को मामले में बहस करने की अनुमति देते हैं, तो हम पर भेदभाव का आरोप लगाया जाएगा। हम मामले को दूसरी पीठ के समक्ष अगले हफ्ते सूचीबद्ध करेंगे ताकि याचिकाकर्ता को एक वरिष्ठ वकील की सहायता मिल सके क्योंकि इस मामले में कई तकनीकी पहलू हैं।
रेड्डी ने खुद ही अपनी याचिका पर बहस की और कहा कि सर्वोच्च अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उनके पिता की हत्या के मामले में 30 जून तक अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया था, लेकिन दूसरी ओर उच्च न्यायालय ने प्रतिवादी संख्या दो (अविनाश रेड्डी) को अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा कि सीबीआई अदालत में उपस्थित नहीं है और एजेंसी बहुत अच्छी तरह से बता सकती है कि किससे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है और किसकी नहीं। पीठ ने कहा, मामले को हाथ में लेना सीबीआई का काम है। यह अहं के टकराव का मामला नहीं हो सकता और किसी को सलाखों के पीछे डाल दिया जाए...। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 जून की तारीख तय की है।
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