काशीपुर: चालक-परिचालकों के अभाव में पांच बसों के पहिए जाम

काशीपुर, अमृत विचार। चालक-परिचालकों के अभाव में डिपो में ही रोडवेज बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। डिमांड के बाद भी कर्मचारियों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसका खामियाजा तैनात कर्मियों और यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
रोडवेज डिपो से हरिद्वार, देहरादून, लखनऊ, हल्द्वानी, कालागढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, बरेली, जयपुर, रुद्रपुर, टनकपुर आदि मार्गों पर चालीस से अधिक बसों का संचालन होता है। डिपो में करीब 10 चालक और 20 परिचालकों का लंबे समय से अभाव बना हुआ है।
कर्मचारियों के अभाव में रोज करीब चार-पांच रोडवेज बसें डिपो में खड़ी हो रही हैं। इससे यात्रियों और तैनात कर्मियों को भारी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। दो दिन पूर्व भी चालक-परिचालकों के अभाव में निगम की तीन बसें बाजपुर-हल्द्वानी, कालागढ़-रुद्रपुर, जसपुर-टनकपुर और दो अनुबंधित डिपो में खड़ी रहीं।
यह हाल काफी समय से बना हुआ है। डिपो से भी निरंतर डिमांड करने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। निगम के अनुसार एक बस करीब 15-20 हजार रुपये लेकर शाम को डिपो पहुंचती है। इस समय छुट्टियां होने पर पीक सीजन चल रहा है। पर्याप्त कर्मियों और वाहनों की व्यवस्था हो तो आय में काफी इजाफा हो सकता है। जिसके चलते पीक सीजन में भी डिपो को प्रतिदिन करीब एक लाख रुपये की चपत लगने रही है।
प्राइवेट बसों की हो रही चांदी
काशीपुर। कछुए की चाल से बन रहे आरओबी निर्माण के चलते बाहरी रोडवेज बसें काशीपुर डिपो में जाने के बजाए चैती चौराहा, टांडा तिराहा, स्टेडियम बाइपास होते हुए गंतव्य को जा रही है। इससे डिपो में यात्रियों को काफी इंतजार करना पड़ता है। इससे प्राइवेट डग्गामार बसें यात्रियों को बैठाकर खूब चांदी काट रही हैं। इससे डिपो की आय प्रभावित हो रही है।
डिपो में 10 चालक और 20 परिचालकों की कमी है। कर्मियों के अभाव में चार-पांच बसें डिपो में ही खड़ी रह जाती है। चालक-परिचालकों की डिमांड को लेकर मुख्यालय से निरंतर पत्राचार किया जा रहा है।
-देशराज अंबेडकर, सहायक महाप्रबंधक, रोडवेज काशीपुर