हल्द्वानी: 114 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों की बंदी के खिलाफ भड़का पछास, फूंका सरकार का पुतला

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखण्ड के कुमांऊ मण्डल में सरकार 114 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को बंद करने जा रही है। छात्र संख्या के 50 से कम होने का हवाला दे शिक्षा विभाग व राज्य सरकार स्कूलों को बंद करने की बात कर रही है। जिसका परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) विरोध जताया और बुद्ध पार्क में प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया।
वक्ताओं ने कहा कि छात्र संख्या का हवाला दे सरकारी स्कूलों को बंद करने की यह राष्ट्रीय परिघटना बन गयी है। उत्तराखंड सरकार भी इसी तरफ बढ़ रही है। सुदूर गांवों में छात्रों की शिक्षा पर इसका ज्यादा बुरा असर पढ़ रहा है। सरकार का ध्यान विद्यालयों को संचालित करने के बजाय उन्हें बंद कर शिक्षा की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की ओर है। छात्र संख्या कम होने के कारणों की सरकार कहीं कोई जांच नहीं करती है। जब कारणों की जांच ही नहीं हो रही है तो इस समस्या का समाधान तो असंभव ही है।
स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षक और शिक्षकों का क्या किया जाएगा इस पर कोई बात नहीं है। यह इन स्कूलों में रोजगार पर लगे लोगों पर भी हमला है। इसी तरह भोजनमाता सरीखे कर्मियों के रोजगार पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। स्कूलों को समायोजित करने की प्रक्रिया में भोजनमाताओं की कोई सुध भी नहीं ली गयी है। मात्र 3000 रुपये में कार्यरत इन कर्मियों की भी सरकार ने कोई सुध नहीं ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत भी शिक्षा बजट, स्कूलों में भर्ती, संसाधनों आदि मसलों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। इस तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। अधिक छात्र संख्या के चलते कक्षाओं की व्यवस्था न होना, शिक्षकों की कमी, फर्नीचर, लैब, आदि की समस्या से स्कूल जूझ रहे हैं। यहां संसाधनों, शिक्षकों की व्यवस्था करने का सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है। यह दिखाता है कि शिक्षा के प्रति सरकार का रुख बेरुखी भरा है और इस क्षेत्र में वह अधिकाधिक निजी क्षेत्र के स्कूलों के लिए रास्ता खोल रही है।
इस प्रकार सरकार जनता के पैसों से खड़े इन सरकारी स्कूलों को जर्जर होने के लिए छोड़ देगी। यह जनता के पैसे की बर्बादी का भी सबब है। 114 माध्यमिक स्कूलों को बंद करने के उत्तराखण्ड सरकार के फैसले का विरोध किया जाना बहुत जरूरी है। इस दौरान कार्यक्रम में महेश चन्द्र, विनोद चन्द्र, हिमानी, चन्दन, अनिशेख, शाहजेब, रजनी, रियासत, विनोद कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।