हल्द्वानी: अग्निकांड के 5 दिन बाद भोजन कारीगर ने भी तोड़ा दम

अंबेडकर नगर में बीती 23 अप्रैल को शादी की सालगिरह के जश्न में लगी थी आग

हल्द्वानी: अग्निकांड के 5 दिन बाद भोजन कारीगर ने भी तोड़ा दम

घटना में झुलसे थे तीन लोग, पड़ोसी राकेश की घटना की रात ही हो गई थी मौत

हल्द्वानी, अमृत विचार। अंबेडकरनगर में शादी की 25वीं सालगिरह के जश्न में लगी आग में झुलसे खाना बनाने वाले कारीगर ने भी घटना के पांच दिन बाद उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे में झुलसे एक व्यक्ति की घटना वाले दिन की ही रात में मौत हो गई थी। तीन में एक की उसी रात मौत हो गई थी। इस अग्निकांड में तीन लोग गंभीर रूप से झुलसे थे, जिनमें से दो लोगों की मौत हो चुकी है। एक अन्य का उपचार चल रहा है।

अंबेडकरनगर वार्ड 1 निवासी जुगनू सागर की बीती 23 अप्रैल को शादी की 25वीं सालगिरह थी। घर के निचले तल पर सालगिरह के जश्न का खाना बन रहा था। खाना पड़ोस में रहने वाले हलवाई कृष्ण कुमार (75) बना रहे थे और सहयोग में पड़ोसी राकेश कुमार व प्रताप भी लगे थे।

तभी सिलेंडर में आग लग गई और तीनों गंभीर रूप से झुलस गए। राकेश और कृष्ण को एसटीएच और प्रताप को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना की देर रात 80 प्रतिशत झुलसे राकेश की मौत हो गई। शुक्रवार देर रात 50 प्रतिशत तक झुलसे कृष्ण की भी मौत हो गई।  शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद उनका शव इलाकाई लोगों के सुपुर्द कर दिया गया। 


न कोई आगे न पीछे, मोहल्ले वालों ने किया अंतिम संस्कार

कृष्ण के आगे-पीछे रोने वाला कोई नहीं है। वह मूल रूप से पीलीभीत उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और अंबेडकरनगर में पिछले 25 साल से किराए पर रह रहे थे। शनिवार को जब शव इलाकाई लोगों के सुपुर्द किया गया तो यह सवाल खड़ा हुआ कि अंतिम संस्कार कौन करेगा। ऐसे में इलाकाई लोगों ने सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार का फैसला लिया। शव को चित्रशिला घाट रानीबाग ले जाया गया। जहां इलाके के 5 लोगों ने उनकी चिता को अग्नि दी। 


झुलसे प्रताप को अस्पताल से मिली छुट्टी

23 अप्रैल को घटना में झुलसे प्रताप को उपचार के लिए नैनीताल रोड स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया। तब से उनका इलाज वहीं चल रहा था। प्रताप 25 से 30 प्रतिशत तक झुलसे थे। चिकित्सकों के इलाज से वह लगातार ठीक हो रहे हैं। शुक्रवार को  चिकित्सकों ने प्रताप को घर ले जाने की अनुमति दे दी। शनिवार को प्रताप घर पहुंचे।