अयोध्या : अब देवशिला पर रामलला की मूर्ति बनाने के लिए परीक्षण शुरू

अयोध्या, अमृत विचार। राम मंदिर में भगवान श्री रामलला को विराजमान करने के लिए रामसेवकपुरम में रखी देवशिला पर मूर्तिकारों ने परीक्षण शुरू कर दिया है। बताते चलें कि रामलला की मूर्ति बनाए जाने को लेकर कर्नाटक के मैसूर से आईं दो श्यामशिला पर कटाई के दौरान एक पत्थर के बीच कुछ कमियां निकलने के कारण उसे रिजेक्ट कर दिया गया है, जिसके बाद मूर्तिकारों द्वारा अन्य शिलाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने देर शाम रामसेवकपुरम में कार्यशाला का निरीक्षण भी किया।
वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी को लेकर रूपरेखा तैयार की गई। मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक के दौरान राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के साथ परिसर में चल रहे यात्री सुविधा केंद्र व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर मंथन किया गया। इस दौरान एलएन्डटी के अधिकारियों ने मंदिर निर्माण की ताजा स्थिति की जानकारी निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र को दी। जहां यात्री सुविधा केंद्र को तैयार करने की गति तेज करने का भी निर्देश दिया गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा बताते हैं कि बैठक के पहले दिन मंदिर निर्माण संबंधित विषय पर चर्चा की गई है। मंदिर निर्माण में छत की ढलाई का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही परकोटा का भी निर्माण किया जा रहा है। अब तक लगभग 30% कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं यात्री सुविधा केंद्र को भी तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। ट्रस्ट के द्वारा तय किए गए समय सीमा में ही भगवान को मूल गर्भगृह में विराजमान कराए जाने को लेकर सभी विषयों पर मंथन शुरू कर दिया गया है। पहले दिन की इस बैठक के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय डॉ अनिल मिश्रा, आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा, एलएन्डटी और टाटा के इंजीनियर के साथ मंडलायुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी नितीश कुमार, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह सहित सुरक्षा के भी अधिकारी मौजूद रहे।
रामलला को विराजमान कराए जाने की तिथि तय
राम मंदिर में भगवान श्री राम लला को विराजमान कराए जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि 22 जनवरी 2024 में रामलला अपनी मूल गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने साफ कर दिया है कि सूर्य उत्तरायण होने के बाद ही रामलला अपने गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। उन्होंने बताया कि 14 जनवरी को सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे तो वहीं 25 जनवरी के बाद अयोध्या के साधु संत माघ मेले के लिए बाहर चले जाते हैं। इसलिए 15 जनवरी से 24 जनवरी के बीच इस कार्यक्रम को संपन्न किया जाएगा।
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