Ateeq-Ashraf Murder Case: माफिया ब्रदर्स की हत्या में शामिल शूटर लवलेश इस मामले में पहले भी जा चुका है जेल
बांदा, अमृत विचार। माफिया कनेक्शन को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाला बांदा माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में भी सुर्खियां बटोर रहा है। मामला यह है कि माफिया ब्रदर्स की हत्या के मामले में शामिल लवलेश बांदा का ही रहने वाला है। बताते हैं कि चिल्ला थाने के लौमर गांव निवासी लवलेश नशे का आदी था और तीन चार साल पहले एक लड़की को थप्पड़ मारने में जेल गया था।
करीब एक सप्ताह पहले वह घर से निकल गया था। वह घर बहुत कम आता था, उसकी आदतें खराब थीं। परिवारजनों को घटना की जानकारी टीवी में उसका चेहरा देखने के बाद हुई। उसके बाद से लवलेश के मां और पिता डिप्रेशन में चले गए। लवलेश शहर के क्योटरा में किराए के मकान में रहता है।
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ पर बीती रात प्रयागराज में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या करने वाले 3 लोगों में एक आरोपी बांदा के ग्राम लौमर का निवासी है।जिसका नाम लवलेश तिवारी है। वर्तमान में आरोपी के पिता यज्ञ दत्त तिवारी पत्नी आशा तिवारी और सबसे छोटे बेटे वेद कुमार तिवारी के साथ शहर के मोहल्ला किराए के मकान में रह रहे हैं। आरोपी के पिता ने बताया कि उनके चार बेटे हैं। सबसे बड़ा रोहित तिवारी संत हो गया दूसरे नंबर का मोहित शादी के बाद अपने परिवार को लेकर लखनऊ में रहने लगा और सबसे छोटा वेद कुमार तिवारी बीए.फर्स्ट इयर का स्टूडेंट है जो उनके साथ रह रहा है।
फेल होने के कारण छोड़ दी थी पढ़ाई
पिता यज्ञ तिवारी ने बताया कि लवलेश ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था। फर्स्ट ईयर में ही फेल होने के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। उसके बाद उसकी संगत गलत हो गई। बताया कि उससे मिलने घर पर कोई नहीं आता था, वह खुद घर पर कम आता था। वह चार भाई एक बहन है।
लवलेश पर पास्को सहित चार मुकदमें हैं दर्ज
विगत चार-पांच साल पहले एक लड़की के साथ छेड़खानी के मामले में पुलिस उसे उठा ले गई थी पास्को एक्ट के इस मामले में वह तकरीबन डेढ़ वर्ष तक जेल में रहा इसके अलावा जीआईसी के पास एक लड़के के साथ मारपीट करने के मामले में भी वह 1 महीना 2 दिन जेल में रह चुका है तीसरा एक्साइज के मामला भी उसके खिलाफ दर्ज किया गया था । सीओ गवेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि लवलेश के खिलाफ चार मुकदमें दर्ज हैं।
गरीबी की दौर से गुजर रहा परिवार
पिता यज्ञ दत्त तिवारी ने बताया कि उनका परिवार गरीबी के दौर से गुजर रहा था बच्चों को पालने के लिए ही उन्होंने सेंट मैरी स्कूल में बस चालक की नौकरी कर ली थी । घटना की जानकारी होने के बाद से परिवार में चूल्हा तक नहीं जला सुबह से मां आशा के हलक से पानी का एक घूंट भी नहीं नीचे गया वह कहती है कि मेरा बेटा निर्दोष है वह ऐसा कभी नहीं कर सकता निश्चित रूप से उसने किसी के बहकावे में आकर इस घटना को अंजाम दिया है।
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