रामपुर: आग से 9 किसानों की 12 एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख
बिलासपुर के डिबडिबा इलाके में हाईटेंशन लाइन से टच होने पर निकली चिंगारी से लगी आग, किसानों में हाहाकार

बिलासपुर, अमृत विचार। तहसील क्षेत्र में आग की बड़ी घटना हुई। पप्लर का पेड़ हाईटेंशन लाइन से टच होने पर निकली चिंगारी से लगी आग से करीब 12 एकड़ गेहूं की फसल जल गई। घटना के बाद किसान बदहवास दिखे जिनके खेत में फसल तैयार थी और बैसाखी पर उसकी कटाई होने वाली थी, पर आग ने एक झटके में फसल के साथ किसानों के सपने को भी खाक कर दिया।
बुधवार को तहसील क्षेत्र के ग्राम डिबडिबा में पप्लर का पेड़ हाईटेंशन लाइन से टच होने पर निकली चिंगारी से गेहूं के खेतों में आग लग गई। आग की तेज लपट और उठते धुएं को देख ग्रामीण मौके की ओर भागे। दमकल विभाग को भी सूचना दी गई। ग्रामीणों द्वारा ट्रेक्टरों आदि से आग बुझाने के लिए हर वह जतन किए गए जो संभव थे, पर आग इतना भीषण रूप से चुकी थी कि आसानी से काबू में नहीं आ रही थी।
घंटों प्रयास के बाद आग तो बुझा ली गई, पर तब तक करीब 12 एकड़ गेहूं की फसल जल चुकी थी। आग की घटना में जोगिन्द्र सिंह, सतनाम सिंह व बलजीत सिंह पुत्रगण बलकार सिंह, प्रकाश सिंह पुत्र संतोख सिंह, मलकीत कौर पत्नी संतोख सिंह, करमजीत कौर पत्नी बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह पुत्र बलविंदर सिंह, सुखप्रीत कौर पुत्री बलविंदर सिंह व अमीर सिंह पुत्र शीशा सिंह निवासीगण ग्राम डिबडिबा फसल जल चुकी थी।
ग्राम प्रधान रणधीर सिंह विर्क द्वारा तहसील प्रशासन को घटना से अवगत कराया गया। जिसके बाद एसडीएम मयंक गोस्वामी के आदेश पर हल्का लेखपाल रवि राणा व चकबंदी लेखपाल संजीत राणा मौके पर पहुंचे और नुकसान का आंकलन कर तहसीलदार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। हल्का लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार कुल 9 की करीब 12 एकड़ गेहूं की फसल पूरी तरह जलकर राह हो चुकी है।
किसानों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का लगाया आरोप
घटना के बाद किसानों में बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोश साफ झलक रहा था। क्षेत्र से तमाम किसान बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए डिबडिबा बिजली घर पहुंचे और जमकर हंगामा काटा। किसानों का आरोप था कि आग की ये घटना बिजली विभाग की लापरवाही के चलते घटित हुई है। किसान लगातार बिजली कर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। किसानों का कहना था कि बीते वर्ष भी इन्ही कारणों के चलते गेहूं की फसल में आग लगी थी।
तब विभाग ने जर्जर हो चुकी इस हाईटेंशन लाइन की तारें बदलने और किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था। जो आज तक नहीं मिला है। हंगामे की सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी नवाब सिंह भी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया। कोतवाल ने अशोकनगर एसडीओ अभय सिंह को घटना से अवगत कराया। जिसके बाद एसडीओ जेई जाहीद इकबाल को साथ लेकर मौके पर पहुंचे और आग के कारणों की जांच की।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की साइड के किसानों ने इण्डस्ट्रीज के लिए जाने वाली हाईटेंशन लाइन के साथ लगते पेड़ लगा दिए हैं। जो तेज हवा के कारण झुककर हाईटेंशन लाइन से टच हो रहे थे। जिस कारण पत्तों ने आग पकड़ ली और चिंगारी खेत में आ गिरी। जिससे आग की यह घटना हुई। उन्होंने कहा कि क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जायेगी। ताकि पीड़ित किसानों को यथासंभव क्षतिपूर्ति दी जा सके।
आग में जली किसानों की उम्मीद
पहले बेमौसम बरसात ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया। अब इस अग्निकांड ने पीड़ित किसानों की उमीदों को आग में जलाकर राख कर दिया है। खेत में गेहूं की फसल तैयार खड़ी थी। इस बार उत्पादन भी बहुत अच्छा होता दिखाई दे रहा था। फसल को लेकर किसान तरह-तरह के सपने देख रहे थे। बैसाखी पर किसानों द्वारा फसल की कटाई करनी थी। मगर आग की एक चिंगारी ने सब कुछ खत्म कर दिया।
पीड़ित किसान जोगिन्द्र सिंह का कहना था कि इस अग्निकांड में उनके परिवार की करीब 7 एकड़ गेहूं की पकी फसल जलकर राख हो चुकी है। अब उनके पास खाने के लिए भी गेहूं नहीं बची है। एक अन्य पीड़ित किसान प्रकाश सिंह ने बताया कि इस घटना में उनके परिवार की करीब 4 एकड़ गेहूं जलकर स्वाह हो गई है। अमीर सिंह ने अपनी जमीन उत्तराखंड के रुद्रपुर तहसील के ग्राम किरतपुर निवासी किसान परुतोश को ठेके पर दे रखी थी। इस घटना में किसान परुतोश की 4 एकड़ फसल जलकर नष्ट हो गई।
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