यूपी सरकार का दावा, अपराध नियंत्रण में प्रदेश देश में अव्वल

यूपी सरकार का दावा, अपराध नियंत्रण में प्रदेश देश में अव्वल

लखनऊ। कानून व्यवस्था के मामले में विपक्ष के निशाने पर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से दावा किया है कि अपराध नियंत्रण के मामले में सूबा अन्य राज्यों की तुलना में अव्वल रहा है। पिछले तीन सालों के दौरान न सिर्फ अपराध में उल्लेखनीय …

लखनऊ। कानून व्यवस्था के मामले में विपक्ष के निशाने पर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के हवाले से दावा किया है कि अपराध नियंत्रण के मामले में सूबा अन्य राज्यों की तुलना में अव्वल रहा है। पिछले तीन सालों के दौरान न सिर्फ अपराध में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है बल्कि अपराधी तत्वों पर प्रभावी नकेल कसी जा सकी है।

गृह विभाग के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि कानून-व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। अपराध और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की जीरो टाॅलरेंस नीति का ही यह नतीजा है कि प्रदेश में अपराध न्यूनतम स्तर पर है। राज्य सरकार के कार्यकाल में अपराधों में गिरावट का सिलसिला निरन्तर जारी है।

उन्होंने बताया कि पिछले नौ वर्षों में घटित अपराधों के तुलनात्मक आकड़ों के अनुसार मौजूदा सरकार के कार्यकाल में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। डकैती के मामलों में 2016 के सापेक्ष 2020 में 74.50 तथा 2012 के सापेक्ष 74.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।

लूट के मामलों में 2016 के सापेक्ष 2020 में 65.29 प्रतिशत तथा 2012 के सापेक्ष 54.25 प्रतिशत की गिरावट आयी है। हत्या के मामलों में 2016 की तुलना में इस साल 26.43 तथा 2012 के सापेक्ष 29.74 प्रतिशत की कमी आयी। फिरौती के लिए अपराध के मामलों में वर्ष 2016 के सापेक्ष 2020 में 54.55 तथा 2012 के सापेक्ष 64.29 प्रतिशत की कमी आयी।

रोड होल्ड अप के मामलों यह गिरावट 100 प्रतिशत रही। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2020 तक रोड होल्ड अप की एक भी वारदात नहीं हुई है। बलात्कार के प्रकरण में 2013 के सापेक्ष 2020 में 25.94 प्रतिशत, 2016 के सापेक्ष 38.74 प्रतिशत तथा वर्ष 2019 के सापेक्ष 28.13 प्रतिशत की कमी आयी है।

प्रवक्ता ने बताया कि पाॅक्सो एक्ट के मामलों में प्रभावी पैरवी कराते हुए अपराधियों को सजा दिलायी गई है। जनवरी 2019 से 30 जून, 2020 की अवधि में 922 वादों में सजा हुई। इनमें पांच में मृत्यु दण्ड ,193 में आजीवन कारावास तथा 724 में अन्य सजा हुई।

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