काशीपुर: दस स्कूलों में मिलीं निजी प्रकाशकों की पुस्तकें, थमाया नोटिस
तीन दिन में उचित जवाब न देने पर होगी सख्त कार्रवाई

अभिभावकों की शिकायत के बाद मनमानी पर उतरे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त हुआ प्रशासन
काशीपुर, अमृत विचार। नियम कायदों को ताक पर रख मनमाने तरीके से स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगा रहे स्कूलों के खिलाफ प्रशासन सख्त हो गया है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग की टीमों ने एक दर्जन से अधिक निजी स्कूलों में छापा मारी कर पाठ्यक्रम का जायजा लिया। इस दौरान दस स्कूलों में निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें मिलने पर स्कूलों को नोटिस थमाया गया है। टीम की ओर से कुछ विद्यालयों की मान्यता रद्द करने का सुक्षाव उच्चाधिकारियों को दिया गया है।
दरअसल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पुस्तकें लगाने के निर्देश दिए है, लेकिन अधिकांश स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों के साथ निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें लगाई जा रही हैं। कमीशन के खेल में जहां निजी स्कूल जमकर चांदी काट रहे हैं वहीं अभिभावकों की जेब पर इसका भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
अभिभावकों की निरंतर शिकायतों का संज्ञान लेते हुए खंड शिक्षाधिकारी आरएस नेगी ने दो दिन पूर्व ही तीन टीमें गठित कर सोमवार को विभिन्न निजी स्कूलों में छापा मारा। जिसके चलते निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया। इस दौरान तीनों टीमों ने एक दर्जन से अधिक स्कूलों में जांच की। इस दौरान अधिकांश स्कूलों में एनसीईआरटी के साथ विभिन्न महंगे प्रकाशकों की पुस्तकें पाई गई। विभाग ने दस स्कूलों को नोटिस जारी कर एनसीईआरटी पुस्तकें की पढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
तीन दिन में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर स्कूलों की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी गई है। बीईओ आरएस नेगी ने बताया कि जागृति पब्लिक स्कूल, ब्रेब सेंट पब्लिक स्कूल, इकरा पब्लिक स्कूल, मारिया असुम्पटा कान्वेंट, प्रगति पब्लिक स्कूल, एमए एकेडमी, होली ट्रिनिटी, नैनी कान्वेंट, वीएसवी, रॉल मॉडल पब्लिक स्कूल में एनसीईआरटी के साथ निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगी पाई गईं।
जिनकी कीमत करीब चार-पांच गुना अधिक है। उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। उच्चाधिकारियों से कुछ विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।