रामनवमी झड़प: हावड़ा में स्थिति अब शांतिपूर्ण, शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान हुई थी झड़प
हावड़ा (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में काजीपाडा इलाके के आसपास रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस की भारी तैनाती के बीच शुक्रवार को इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। हावड़ा शहर थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काजीपाडा के आसपास के विभिन्न इलाकों में रात भर तलाशी अभियान चलाए गए और छापेमारी की गई।
झड़प के सिलसिले में अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के जरिए हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में बृहस्पतिवार की शाम रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी थी। घटना तब हुई, जब शोभायात्रा काजीपाडा इलाके से गुजर रही थी।
हिंसा के दौरान कई दुकानों और ऑटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कार में आग लगा दी गई। आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाडिय़ों का इस्तेमाल किया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया। इलाके में शांति बहाल करने के लिए भारी बल तैनात किया गया है। शहर में पश्चिम बंगाल के प्रति केंद्र सरकार के कथित भेदभाव के खिलाफ यहां धरने पर बैठीं मुख्यमंत्री ममता बनर्ती ने अपने 30 घंटे के विस्तारित धरने का समापन करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, मैंने बार-बार कहा है कि रामनवमी की किसी भी शोभायात्रा को नहीं रोका जाएगा।
मैंने इस संबंध में पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए थे। जहां एक समुदाय अन्नपूर्णा पूजा मना रहा है, वहीं दूसरा रमजान के दौरान रोजा रख रहा है। बनर्जी ने कहा, उन्होंने (आखिरी समय में) रास्ता क्यों बदला और एक समुदाय को निशाना बनाने और उस पर हमला करने के लिए अनाधिकृत रास्ता क्यों अपनाया। यदि वे मानते हैं कि वे दूसरों पर हमला करेंगे और कानूनी हस्तक्षेप के माध्यम से राहत प्राप्त करेंगे, तो उन्हें पता होना चाहिए कि जनता एक दिन उन्हें नकार देगी। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी ने कहा, हिंसा के लिए मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन जिम्मेदार हैं।
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