कपिल सिब्बल ने दिग्विजय सिंह के जर्मनी का आभार जताने पर कहा- विदेश से समर्थन की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का संज्ञान लेने के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा जर्मनी का आभार जताए जाने के एक दिन बाद राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा, हमें विदेश से समर्थन की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारी लड़ाई हमारी अपनी है। दिग्विजय से असहमति जताते हुए सिब्बल ने यह भी कहा, हमें आगे चलने के लिए बैसाखियों की जरूरत नहीं है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। दिग्विजय ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय प्रसारणकर्ता डॉयचे वैले के मुख्य अंतरराष्ट्रीय संपादक रिचर्ड वाकर का आभार जताया था।
Digvijaya Singh :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 31, 2023
Thanked Berlin for " taking note of how democracy is being compromised in India"
My thought :
We don’t need crutches to walk ahead
We don’t need endorsements from abroad
Our fight is our own and in that we are together
सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, दिग्विजय सिंह : भारत में लोकतंत्र से किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका संज्ञान लेने के लिए बर्लिन का शुक्रिया। मेरी राय : हमें आगे चलने के लिए बैसाखियों की जरूरत नहीं है। हमें विदेश से समर्थन की जरूरत नहीं है। हमारी लड़ाई हमारी अपनी है और उसमें हम एक साथ हैं।
Thank you Germany Foreign Affairs Ministry and Richard Walker @rbsw for taking note of how the Democracy is being compromised in India through persecution of @RahulGandhi https://t.co/CNy6fPkBi3
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 30, 2023
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा जर्मनी को धन्यवाद दिए जाने के बाद विपक्षी पार्टी पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी ताकतों को आमंत्रित करने’ का आरोप लगाया था। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि उसका दृढ़ विश्वास है कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अपने लोकतंत्र को उत्पन्न खतरों से खुद निपटना होगा। पार्टी ने भाजपा पर अडाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया था।
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