अमेठी के आरिफ के बाद सुल्तानपुर जिले में अफरोज से सारस की दोस्ती आई सामने

6 माह से अफरोज के परिवार का सारस बना हुआ है सदस्य

अमेठी के आरिफ के बाद सुल्तानपुर जिले में अफरोज से सारस की दोस्ती आई सामने

अमेठी, अमृत विचार। जिले के जामो थाना क्षेत्र के मुंडका गांव निवासी मोहम्मद आरिफ और सारस की दोस्ती सुर्खियों में है। आरिफ और सारस की दोस्ती को राजनीत की नजर लगने से अब आरिफ से सारस बिछड़ कर वनविभाग के कब्जे में कानपुर के चिड़ियाघर में कैद है ।

वहीं आरिफ के घर से 65 किमी दूर सुल्तानपुर जिले के लंभुआ तहसील के छतौना में भी अफरोज नेपाली की सारस से दोस्ती के चर्चे भी वायरल हो रहे हैं। आरिफ की तरह अफरोज के पास 6 महीनों से सारस रह रहा है। घर के सदस्यों के साथ खाना पीना और घूमता है । अफरोज ने अपने सारस को प्यारा नाम स्वीटी दिया है ।

अफरोज को कहां मिला सारस
अफरोज ने बताया कि 6 माह पहले उसके बड़े भाई मेराज अपने मित्र के मत्स्य पालन के तालाब के पास से इस सारस को घर ले आए थे। तब सारस की उम्र मात्र डेढ़ महीने थी। देखते देखते वह बड़ा हो गया और परिवार का हिस्सा बन गया है।

पिता ने भी पाला था सारस
अफरोज के पिता मो. शफीक उर्फ नेपाली ने वर्ष 2019 में एक सारस पाला था। जोकि पूरे परिवार से घुला मिला हुआ था। गांव और आस-पड़ोस के लोग इसे नेपाली के सारस के नाम से जानते थे। घरवालों ने इस सारस का नाम भी स्वीटी रखा था। लेकिन 2022 में अचानक सोनबरसा गांव के पास करंट की चपेट में आ जाने से सारस की मृत्यु हो गई। सारस की मृत्यु से उसके पिता को गहरा सदमा पहुंचा और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। जिससे उनका लंबा इलाज चला है । नया सारस मिला तो उसका नाम भी स्वीटी रखा । नए सारस के आने से उसके पिता खुश हैं।

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स्वीटी का फेवरेट है आटा और आलू
अफरोज बताया कि उनके सारस को आटा और आलू भोजन में प्रिय है। जब उसको भूख लगती है तो वह आवाज करके लोगों को बुलाता है। खाने-पीने के बाद खेलने में मस्त हो जाता है।

कमाई के चक्कर में आरिफ से अलग हुआ उसका दोस्त
अफरोज नेपाली ने कहा कि मुझे आरिफ भाई और सारस की दोस्ती के बारे में पता चला था। यूट्यूब चैनल से कमाई के चक्कर में उन्हें अपने दोस्त से अलग कर दिया। हमें इस तरह की गतिविधियों के चक्कर में नहीं पड़ना है । हमें उससे प्यार है। हम उससे कोई प्रचार या कमाई नहीं करना चाहते है ।

सारस को लेकर बोले डीएफओ
सुलतानपुर के डीएफओ राज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि उन्हें अफरोज के सारस की कोई जानकारी नहीं है। वन विभाग की टीम भेजकर जानकारी कराई जा रही है।

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