बरेली: अधूरे नाले भी खा गए पैसा...इसीलिए शहर बदहाल और नगर निगम कंगाल, जानिए पूरा मामला

बरेली: अधूरे नाले भी खा गए पैसा...इसीलिए शहर बदहाल और नगर निगम कंगाल, जानिए पूरा मामला

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम कंगाली के हालात से ऐसे ही नहीं गुजर रहा है, नीचे से ऊपर तक कोई लाख नजरें चुराता रहे, उसके तमाम कारण भी हैं। इन्हीं में एक मुंशीनगर से सौ फुटा रोड होते हुए बिहारमान नगला कलां तक अधूरा बना नाला भी है जिसका नगर निगम के अफसरों ने बगैर डिजाइन बनवाए टेंडर करके निर्माण शुरू कराया और 15 लाख फूंककर बंद कर दिया। सवाल उठे तो तर्क दे दिया कि नाले में सौफुटा रोड की ओर पानी ही नहीं बढ़ रहा है। अब नगर आयुक्त ने इस मामले में जांच का आदेश देकर दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

नगर निगम के अफसरों ने दो साल पहले नियमों को ताक पर रखकर तब इस नाले का निर्माण शुरू कराया था, जब सरकारी पैसे के सदुपयोग के साथ उनकी गतिविधियों पर निगरानी के लिए तमाम विकास पुरुषों का बोर्ड भी कार्यरत था। डिजाइन के बगैर नाला बनना शुरू हुआ और 15 लाख फूंककर बंद हो गया लेकिन इलाके पार्षद से लेकर ऊपर तक किसी ने इस पर अफसरों से जवाब नहीं मांगा। यहां तक कि इलाके के ही संजय अग्रवाल ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की तो अफसरों गोलमाल जवाब देकर शिकायत को भी फर्जी साबित कर दिया।

बकौल संजय अग्रवाल, वर्ष 2002 में बीडीए ने मुंशीनगर से सौ फुटा रोड होते हुए बिहारमान नगला कलां तक इस नाले की खुदाई कराई थी। कुछ साल बाद यह नाला जगह-जगह से टूट गया। सपा के शासन में कुछ दूरी तक इस नाले की मरम्मत की गई। उसके बाद नाला तो ठीक नहीं हुआ, अफसरों ने उसके नाम पर गोलमाल जरूर कर डाला। संजय ने बताया कि वह इस मामले में 50 से ज्यादा शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर कर चुके हैं, लेकिन अफसर कुछ होने ही नहीं दे रहे हैं। पिछले साल काम शुरू करने से पहले करोड़ों का टेंडर किया गया था। अब कहा जा रहा है कि नाले का ढाल ही नहीं मिल रहा है।

बता दें कि आमतौर पर नगर निगम के नाले का निर्माण शुरू करने से पहले इंजीनियरिंग विभाग प्लानिंग करता है। खास तौर पर देखा जाता है कि कितना पानी किधर से आएगा और किधर जाएगा। बिना योजना के इंजीनियरों के काम शुरू कराने से साफ जाहिर है कि उनका मकसद जनता की सहूलियत के लिए नाले का निर्माण करना नहीं बल्कि सरकारी पैसा ठिकाने लगाना था।

नाले की तरफ झुकी सड़क, टाइल्स के नीचे
अधूरा बना नाला इलाके के लिए भारी खतरा बना हुआ है। सड़क एक तरफ नाले में झुकी है। नाले की दीवार बनाने के लिए लगी सरिया जंक खा चुकी हैं। सड़क पर बिछी टाइल्स के नीचे भी मिट्टी गायब हो चुकी है। ऐसे में कभी कोई नाले में कोई गिर जाए तो उसका बचना मुश्किल है।

बिहारमान नगला के रवि गुप्ता, इस्लाम और दयाराम के मुताबिक करीब एक साल से नाला इसी तरह अधूरा पड़ा है। सौ फुटा रोड का यह खंड़जा मुंशीनगर की ओर जा रहा है। नाला काफी गहरा है और कई जानवर उसमें गिर चुके हैं। कभी कोई व्यक्ति नाले में गिरा तो उसे बचा पाना मुश्किल होगा। खतरा बरसात के दिनों में कोई भारी वाहन गुजरने से सड़क धंसने का भी है। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता है। सड़क धंसी तो यह रास्ता भी पूरी तरह बंद हो जाएगा।

मैंने निरीक्षण किया तभी यह गड़बड़ी सामने आई। बिना डिजाइन नाले का निर्माण शुरू करना गंभीर मामला है। इसकी जांच के आदेश दिए हैं। नाला अधूरा क्यों है, अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ। ठेकेदार की कमी है या इंजीनियरिंग विभाग की। दो दिन में इसकी रिपोर्ट आने पर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ बर्बाद हुए सरकारी धन की वसूली भी की जाएगी---निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त।

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