रामनगरः डिजिटलाइजेशन के दौर में भी फर्जीवाड़ा, प्रमाणपत्र पर CISF में नौकरी, खुलासा, इनाम और फिर गिरफ्तार
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रामनगर, अमृत विचार। फर्जी प्रमाणपत्र के जरिये केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में चयनित हो चुके जालसाज को आखिरकार उड़ीसा में रामनगर पुलिस ने दबोच लिया। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बीस हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था।
ग्राम खेड़ा थाना सरधना मेरठ निवासी गौरव कुमार पुत्र सुरेंद्र सिंह पर फर्जी प्रपत्रों के सहारे रामनगर से स्थाई निवास बनाने का आरोप है। बताया जाता है कि बीते साल सात अक्टूबर को प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान संदेह होने पर रामनगर तहसील के राजस्व निरीक्षक प्रवीण त्यागी ने घटना की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस की जांच में अभिलेखों में की गई छेड़छाड़ की पुष्टि तो हुई मगर पुलिस के एक्शन लेने से पूर्व ही आरोपी गौरव कुमार फरार हो गया। पुलिस ने पीरुमदारा चौकी प्रभारी उप निरीक्षक राजेश जोशी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर छानबीन को आगे बढ़ाया परंतु आरोपी लगातार पुलिस को गच्चा देने में सफल होता रहा।
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पुलिस ने गौरव की गिरफ्तारी के लिए अपने मुखबिर तंत्र के जाल को आरोपी के इर्द-गिर्द कसना शुरू किया। जांच के दौरान ही पुलिस को सुराग मिला कि आरोपी फर्जी दस्तावेजों के सहारे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में प्रवेश पा चुका है और बाकायदा उड़ीसा में प्रशिक्षण ले रहा है। पुख्ता जानकारी होते ही उप निरीक्षक राजेश जोशी के नेतृत्व में जांच में जुटी टीम ने उड़ीसा के भुवनेश्वर खारा बेला स्थित सीआईएसफ के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों को विश्वास में लेकर गौरव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
पीरूमदारा चौकी प्रभारी राजेश जोशी ने बताया कि शनिवार को आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने उसे भारतीय दंड विधान की धारा 420, 468 और 471 के तहत न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
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