बरेली: कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के बीच जन्मे नंदलाल
बरेली, अमृत विचार। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार कोरोना काल के चलते भक्तों ने घर पर ही मनाई। हालांकि शहर के सभी प्रमुख मंदिरों को आकर्षक और भव्य रूप से सजाया गया था लेकिन यहां भव्य आयोजन नहीं हो सके। कुछ भक्त पहुंचे भी लेकिन मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच उन्होंने पूजा-अर्चना की। पुजारियों …
बरेली, अमृत विचार। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार कोरोना काल के चलते भक्तों ने घर पर ही मनाई। हालांकि शहर के सभी प्रमुख मंदिरों को आकर्षक और भव्य रूप से सजाया गया था लेकिन यहां भव्य आयोजन नहीं हो सके। कुछ भक्त पहुंचे भी लेकिन मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच उन्होंने पूजा-अर्चना की। पुजारियों ने आरती की लेकिन प्रसाद का वितरण नहीं किया जा सका। सांस्कृतिक आयोजन भी नहीं किए गए।
शहर में मॉडल टाउन स्थित हरि मंदिर, सनातन धर्म मंदिर के अलावा त्रिवटीनाथ मंदिर से भक्तों को फेसबुक पेज से लाइव दर्शन कराए गए। सनातन धर्म मंदिर में भी गोवर्धन से आए कारीगरों के हाथों सिली गई पोषाक से भगवान के स्वरूपों को सजाया-संवारा गया। हवन और संकीर्तन भी हुए लेकिन बहुत कम भक्त उपस्थित रहे। लड्डू गोपाल को झूले में विराजमान कर आरती की गई। शाम को 5 बजे मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। रात्रि 11:30 बजे मंदिर का मुख्य द्वार खोलकर प्रभु का गुणगान किया गया और 12 बजे प्राकट्य उत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया। त्रिवटीनाथ मंदिर को आकर्षक लाइटों से सजाया गया।
घरों में गूंजा हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की
भक्तों ने घरों में उपवास रखकर पूजा-अर्चना की। सिर्फ पुजारी और मंदिर कमेटी के सदस्यों के द्वारा ही पूजा-अर्चना की गई। ऐसे में लोगों ने अपने-अपने घरों में छोटे बच्चों को श्री कृष्ण-राधा की वेशभूषा में सजाया। घरों में ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर लड्डू गोपाल को झूला झुलाया और श्री कृष्ण जी के जमकर जयकारे लगाए। इसमें हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की, प्रकट भयो नंदलाल के जमकर जयकारे लगाए। शहर में जन्माष्टमी का त्योहार हर साल की तरह इस बार भी काफी उत्साह के साथ मनाया गया। इसकी लोग पिछले कई दिनों से ही तैयारी कर रहे थे।
कोरोना काल की वजह से लोगों ने अपने घरों में रहते हुए ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र के साथ भगवान श्री कृष्ण की आराधना की। इसके साथ ही भगवान को माखन, मिश्री, लड्डू, पेड़ों, पंजीरी, शहद और दूध का भोग लगाकर फल व फूल अर्पित किए एवं दीपक जलाए। इससे पूर्व सुबह के समय लोगों ने अपने घरों पर लड्डू गोपाल जी का पंचामृत से स्नान कर उनका बेहद ही सुंदर शृंगार किया और पालने में प्रभु श्री कृष्ण के स्वरूप को बैठाकर झूला झूलाया और भगवान श्री कृष्ण के जयकारे लगाए।
सुबह से ही जुट गए थे तैयारी में
जन्माष्टमी की तैयारियों में लोग सुबह से ही जुट गए। घरों में पूजा स्थलों की साफ-सफाई की और राधा-कृष्ण की मूर्तियों को स्नान कराया। उन्हें नए सुंदर-सुंदर वस्त्र पहनाए। लडडू गोपाल को मोर पंख के मुकुट, बांसुरी आदि से सजाने के बाद उन्हें फूलों से सजे पालने में बैठाया गया। ऐसे में लोगों ने इस बार लडडू गोपाल को अपने-अपने घरों में ही पालना झुलाने की तैयारियां की। इसके लिए बाजार से पूजन सामग्री के साथ ही पालना आदि खरीदा। इससे पूजन सामग्री की दुकानों पर कान्हा के वस्त्र, बांसुरी आदि खरीदने के लिए शहर के मुख्य बाजारों में पूरे दिन भीड़ रही। इसके अलावा अपने-अपने घरों में छोटे बच्चों को श्री कृष्ण और राधा की वेशभूषा की झांकियां सजाई गईं।
कैंब्रिज स्कूल में कृष्ण सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन
कैंब्रिज स्कूल में ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई। कक्षा प्री-नर्सरी से कक्षा दो तक के बच्चों ने प्रतियोगित में भाग लिया। इसमें प्रणव कृष्ण, अनन्या, देवांशी,आरव गंगवार, प्रणीत, शिवम, राधे, आलोक आदि जीते।