नैनीतालः अस्पताल के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ करें कार्रवाई, 03 सप्ताह में पेश की जाए रिपोर्ट- हाईकोर्ट
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नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के बी.डी. पांडे हॉस्पिटल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड नहीं होने तथा अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की।
मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने महानिदेशक स्वास्थ्य को लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश देते हुए तीन सप्ताह के भीतर अदालत में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले को खंडपीठ ने कई शिकायतों का संज्ञान लेकर गुरुवार को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की जिसमें कहा गया कि बी.डी. पांडे हॉस्पिटल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से मरीजों को कई दिक्कतों के साथ हल्द्वानी जाकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। जो भी अल्ट्रासाउंड यहां हो रहे हैं उनसे पैसा वसूला जा रहा है।
डॉक्टर तय समय पर हॉस्पिटल का दौरा नहीं करते हैं। हॉस्पिटल में कई अनियमितताएं हो रही हैं। खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश डीजी हेल्थ को दिए हैं।
पट्टी बांधने के ले लिए 700 रुपये
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि उनके पास प्रदेश के कई सरकारी हॉस्पिटलों की शिकायतें भी आ रही हैं। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने कहा कि वे एक बार पौड़ी के हॉस्पिटल में पट्टी बंधवाने गए थे तो उनसे भी 700 रुपये लिए गए, इसलिए जो कर्मचारी हॉस्पिटल में हैं वे अपनी जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी करें। जब अदालत संज्ञान लेती है तभी हॉस्पिटल प्रशासन कार्य करता है। महाधिवक्ता एन.एस. बाबुलकर ने अदालत को अवगत कराया कि हॉस्पिटल में डॉक्टरों एवं स्टाफ की कमी है साथ ही कॉर्डियोलोजिस्ट भी नहीं है।