बरेली: सामान्य ऑपरेशन से बेहतर साबित हो रही एंडोस्कोपी, मरीज को ज्यादा रक्तस्राव भी नहीं होता
बरेली, अमृत विचार। बरेली के लोगों में एंडोस्कोपी या दूरबीन विधि से ऑपरेशन को लेकर फैली गलतफहमी को दूर करने के लिए आज रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एलटी-टेन सभागार में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ केशव अग्रवाल, वर्कशॉप के संयोजक व एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जन डॉ गिरीश, सह संयोजक व सीनियर स्पाइन सर्जन डॉ वरुण अग्रवाल ने शिरकत की।
इसके साथ ही मिस्र, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर, महाराष्ट्र समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस दौरान डॉक्टर्स ने बताया कि आज के दौर में एंडोस्कोपी या दूरबीन विधि से ऑपरेशन बहुत ही कारगर साबित हो रहे है। इस विधि से महज 7 से 8 मिलीमीटर के चीरे से ऑपरेशन पूरा हो जाता है। इस दौरान मरीज को ज्यादा रक्तस्राव भी नहीं होता है। आपको बता दें कि एंडोस्कोप मशीन में एक कैमरा और लाइट लगी होती है।
जो एक लंबी लचीली ट्यूब के अंत से जुड़ा होता है। जिसे शरीर में डाला जाता है जिससे सर्जन यह देखने में सक्षम होता है कि शरीर के अंदर क्या सही और क्या गलत है। एंडोस्कोप शरीर में मुंह के माध्यम से गले से गुजरते हुए और ऊपरी पेट यानी पाचन पथ परीक्षण के लिए या बड़ी आंत क्षेत्र की जांच करने के लिए मलाशय के माध्यम से डाला जाता है।
जिसके जरिए ट्रीटमेंट में ज्यादा स्टॉफ की भी जरूरत नहीं रहती है। इसको लेकर कार्यक्रम के संयोजक डॉ गिरीश ने बताया कि एंडोस्कोपी से ऑपरेशन के बाद मरीज को 7-8 घंटे में अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है। इसी लिए एंडोस्कोपी से होने वाले ऑपरेशन बहुत ही कारगर साबित हो रहे है। इस दौरान वर्कशॉप में मौजूद डॉक्टर्स ने कहा कि लोगों में इसको लेकर फैली भ्रांतियां दूर करने के लिए इस तरह की वर्कशॉप अहम साबित हो रहीं हैं।
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