गेहूं व जौ की दलिया कुपोषण से दिलायेगी निजात, जानिए ऊॅं से क्या होंगे फायदें ,लखनऊ डॉयट में आयोजित हुआ स्वास्थ्य परामर्श शिविर

गेहूं व जौ की दलिया कुपोषण से दिलायेगी निजात, जानिए ऊॅं से क्या होंगे फायदें ,लखनऊ डॉयट में आयोजित हुआ स्वास्थ्य परामर्श शिविर

अमृत विचार लखनऊ: गेहूं व जौ की दलिया, अंकुरित अनाज का सेवन अगर सभी भारतीय शुरू कर दें तो जनता को कुपोषण एवं रोगों से मुक्त किया जा सकता है। ये बात आयुर्वेद, यूनानी एवं तिब्बी चिकित्सा परिषद के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. एलबी यादव ने कही। उन्होंने कहा यदि आमजन भारत की  प्राचीन व परंपरागत श्री अन्न बाजरा, जौ, मडुवा, मक्का,सेला चावल छिलके वाली दालें, गेहूं व जौ की दलिया, अंकुरित अनाज  काफी लाभकारी होगा। डॉ यादव जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, निशातगंज, लखनऊ में नेचुरोपैथी एक समग्र आयुर्विज्ञान एवं नेचुरोपैथी परामर्श शिविर के दौरान बातौर विशिष्ट अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ नेचरोपैथी पुणे, आयुष मंत्रालय और इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ सत्येंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि पाचन तंत्र से संबंधित रोग जैसे अजीर्ण, गैस ट्रबल, फैटी लीवर, एसीडिटी, मोटापा एवं बवासीर के उपचार में हाइड्रो  थेरेपी, मड थेरेपी कारगर है। कार्यक्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के उपप्राचार्य,मुकेश कुमार सिंह, वरिष्ठ प्रवक्ता, सुनील दत्त, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार वर्मा, प्राकृतिक चिकित्सक डॉ शिखा गुप्ता, मनोवैज्ञानिक एवं परामर्शदाता प्रिया वैद्य, कुलदीप यादव, संजीत कुमार, डायट की  व्याख्याता डॉ सुनीता बिष्ट, राकेश प्रताप सिंह, सुनील कुमार द्विवेदी, इंजीनियर एम.एल. शर्मा, उच्च न्यायालय के सरकारी अधिवक्ता अतुल कुमार  एवं अधिवक्ता रामानंद सैनी सहित डाइट के लगभग 250 प्रशिक्षु अध्यापकों ने कार्यक्रम में अपनी सहभागिता की।

प्राणायम के अभ्यास से 72 हजार नाड़ियों का शोधन संभव
इस मौके पर केजीएमयू के पूर्व मनोवैज्ञानिक एवं योग विशेषज्ञ डॉ. डीएन राय ने कहा कि केवल 15 मिनट नाड़ी शोधन प्राणायाम के अभ्यास से 72000 नाड़ियों का शोधन किया जा सकता हैं 7 मिनट ओम शब्द के नियमित उच्चारण से मानसिक तनाव तथा अल्जाइमर जैसी असाध्य मानसिक रोग को दूर किया जा सकता है। वहीं बलरामपुर चिकित्सालय के योग विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. नंदलाल जिज्ञासु ने बताया कि नेचुरोपैथी एक समग्र आयुर्विज्ञान है जिसमें  रोग निवारण, गंभीर रोगों का प्रबंधन, स्वास्थ्य संरक्षण एवं स्वास्थ्य संवर्धन की अद्भुत क्षमता है। 

प्राकृतिक चिकित्सा बचा सकती है गंभीर बीमारियों से

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लखनऊ डॉयट में आयोजित हुआ नेचुरोपैथी एक समग्र आयुर्विज्ञान व नेचुरोपैथी परामर्श शिविर में शामिल हुए अधिकारी- फोटो अमृत विचार


मेडिटेक ट्रेनिंग एंड  रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. अरुण कुमार भरारी ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा के जन जागरण से गांव तथा शहर के लोगों को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है तथा महात्मा गांधी जी के सपनों को साकार किया जा सकता है। एक्सपर्ट योगी वीरेंद्र विक्रम सिंह ने जलनेति क्रिया, सूत्र नेती क्रिया, कुंजल क्रिया, जो कि नासिका एवं उदर रोगों को जड़ से समाप्त करने में कारगर है का व्यावहारिक प्रशिक्षण डाइट के छात्र- छात्राओं को दिया।

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