भारत में पहली बार 5900000000 किलो लिथियम मिला, ट्रक भरकर खुशियां मनाइए

श्रीनगर। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने गुरुवार को बताया कि भारत में पहली बार लिथियम के भंडार मिले हैं। जीएसआई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में 59 लाख टन (5900000000 किलो) के लिथियम अनुमानित संसाधन (G3) का पता लगा है। भारत फिलहाल लिथियम, निकल और कोबॉट के लिए आत्मनिर्भर नहीं है। दरअसल, लिथियम ईवी बैटरी में एक मुख्य घटक है।
59 लाख टन लीथियम की कीमत लगभग 03 हजार 384 अरब के रुपए के आस-पास है। 36 लाख रुपए कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हर देश ग्रीन एनर्जी की तरफ जा रहे हैं। कई सरकारें भी इसे प्रमोट कर रही है। लिथियम बैटरी न केवल रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर करेगी। साथ ही भविष्य में भी इस एनर्जी को इस्तेमाल किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक कार में लीथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में लीथियम का भंडार मिलने के बाद माना जा रहा है कि देश में बैटरी के उत्पादन को एक बूस्ट मिलेगा।
कार्बन उत्सर्जन के कारण ग्रीन एनर्जी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। दुनिया भर के कई देश ग्रीन एनर्जी को तेजी से अपना रहे हैं. ऐसे में 2015 के मुकाबले 2025 तक लीथियम की डिमांड 100 फीसदी तक बढ़ सकती है। वहीं, ये पेट्रोल-डीजल पर पड़ने वाले भार को भी कम करेगी और बचत भी कराएगी। थियम की यदि रेगुलर सप्लाई होती है तो इलेक्ट्रिकल व्हीकल और मोबाइल फोन के लिए रेगुलर सप्लाई मिलेगी। 62वीं सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक में खनन सचिव ने कहा, आत्मनिर्भर बनने के लिए सबसे जरूरी है कि हम खनिज पदार्थों को ढूंढे और उसे देश में ही प्रोसेस करें। यदि सोने का आयात घटता है तो हम सही मायनों में आत्मनिर्भर बन जाएंगे।
लिथीयम के उत्पादन करने वाले देशों में सबसे आगे ऑस्ट्रेलिया है। दुनिया भर का 52 फीसदी लीथियम का उत्पादन ऑस्ट्रेलिया में होता है। इसके बाद चिली का नंबर आता है। चिली की लीथियम प्रोडक्शन में हिस्सेदारी 24.5 फीसदी तक है। चीन 13.2 फीसदी तक लीथियम प्रोड्यूस करता है। वहीं, भारत इसमें किसी भी पायदान पर नजर नहीं आता है। ऐसे में ये भंडार भारत को मजबूती देगा।
इससे पहले फरवरी 2020 में मांड्या (बेंगलुरु) में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने में इस्तेमाल होने वाले लिथियम का भंडार मिला है। परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, वहां 14,100 टन लिथियम भंडार होने का अनुमान है। आईआईएससी के प्रोफेसर एन. मुनिचंद्राइया ने कहा, यह चिली के 86 लाख टन...ऑस्ट्रेलिया के 28 लाख टन भंडार के मुकाबले कुछ नहीं है।
साल 2017 में भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी अन्य टेक कंपनियों तोशिबा और डेन्सो के साथ मिलकर देश का पहला ऑटोमोबाइल लिथियम-आयन बैटरी प्लांट हंसलपुर (गुजरात) में बनाएगी। प्लांट में सुज़ुकी की सर्वाधिक हिस्सेदारी (50%) होगी जबकि तोशिबा की 40% और डेन्सो की शेष 10% हिस्सेदारी होगी।
साल 2017 में नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कहा था कि इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में अग्रणी देश बनने के लिए भारत को बड़े लिथियम-आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, पेट्रोल पंपों पर भी चार्जिंग स्टेशन होने चाहिए और हमें इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए अक्षय ऊर्जा या जैव ईंधन का उपयोग करना होगा।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भारत में पहली बार लिथियम के भंडार मिलने पर खुशी जताई है। आनंद ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "अब इसमें कोई शक नहीं कि भारत का भविष्य उज्ज्वल होने वाला है। दरअसल, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर के रियासी में 59 लाख टन के अनुमानित लिथियम भंडार का पता लगा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा है कि भारत को चीन के साथ समग्र व्यापार घाटे पर ध्यान देने के बजाय कुछ अहम चीज़ों के आयात पर निर्भरता कम करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री और नवीकरणीय ऊर्जा समेत अहम कच्चे माल की आपूर्ति के लिए अन्य स्रोतों में विविधता लाने की जरूरत है।
ये भी पढ़ें- भारत में पहली बार मिले लिथियम के भंडार, खत्म होगी चीन और ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत