झांसी: 'गौ अदालत' का हुआ आयोजन, बोलीं उमा भारती- गाय की सुरक्षा सरकार नहीं समाज की जिम्मेदारी

झांसी: 'गौ अदालत' का हुआ आयोजन, बोलीं उमा भारती- गाय की सुरक्षा सरकार नहीं समाज की जिम्मेदारी

झांसी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की फायरब्रांड नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को झांसी के मऊरानीपुर में “गौ अदालत ” का आयोजन कर लोगों को गायों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया। यहां रौनी गांव स्थित केदारेश्वर मंदिर परिसर में आयोजित “गौ अदालत ” कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने सबसे पहले मंदिर में पूजा अर्चना की। 

इसके बाद गाय की दशा और दुर्दशा को लेकर गौ अदालत लगायी जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार गाय को सुरक्षित नही रख सकती है। गाय को बचाने का काम समाज ही कर सकता है क्योंकि सरकार एक ही काम कर सकती है गौवंश की हत्या पर रोक लगाने का काम और यह काम सरकार ने पहले ही कर दिया है। गाय को बचाना जरूरी है और गाय गौशाला बनाने से नहीं बचेगीं। करोड़ों की संख्या में गाय निराश्रित हैं कैसे इतनी बड़ी संख्या में गायों को संरक्षण गौशालाओं में दिया जा सकता है। 

उमा भारती ने गौशाला के नाम पर शुरू हुई नयी प्रकार को अव्यवस्थाओं पर भी बेबाकी से अपनी राय रखते हुए कहा कि गाय के नाम पर लोग धंधा करने लगे हैं ,पैसा बनाने लगे हैं, जमीनों पर कब्जा करने लगे हैं। जमीनों की कीमत बढ़ गयी है और लोग इसका लाभ उठाने लगे हैं यह एक धंधा हो गया है। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में केवल अंधी, लंगडी या लूली या शारीरिक रूप से अक्षम गायों को रखा जाना चाहिए और इन गौशालाओं में सेवानिवृत लोग गौसेवा करें। 

आज अधिकतर गौशालाओं में कई स्वस्थ गाय भरी हैं। ये स्वस्थ गाय किसान इस्तेमाल करके छोड़ देते हैं। गौचर नहीं होने से किसान गायों को नहीं रख पा रहा है। गांव के गौचरों पर या तो कब्जा हो गया है या फिर भू आवंटन में जमीन चली गयी है। आज सरपंचों को सरकार खूब पैसा दे रही है इस पैसे में एक निश्चित धनराशि गौपालकों के लिए निर्धारित करनी होगी। इसके अलावा किसान को खेत में गाय बांधने की सुविधा देनी होगी।

उमा भारती ने कहा कि वह सरकार से इस पर बात करेंगी कि नये गौचरों का विकास जरूरी है।नये गौचरों में घास उगा दो मनरेगा से पानी की व्यवस्था कर दो। सरपंचों को दी जाने वाली राशि में से एक निर्धारित राशि सालभर के लिए गायों की निर्धारित संख्या पर गौपालकों की संख्या निश्चित कर उन्हें पैसा दिया जाए।आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दें, ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध करा दो और इसका जोरदार प्रचार कर दो। इससे किसान ऑर्गेनिक खेती की ओर अग्रसर होगा और ऐसा करने से गाय एक बार फिर किसान के लिए एक बहुमूल्य संसाधन के रूप में बनकर उभरेगी।

मध्यप्रदेश सरकार ने ऑर्गेनिक खेती को प्रश्रय देकर गायों की समस्याओं के निधान का उदाहरण पेश भी किया है जब वहां किया जा सकता है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं। भाजपा की तेजतर्रार नेता ने कहा कि गाय को बचाने का काम समाज का है और समाज को यह जिम्मेदारी लेनी होगी। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा नेता ने पूछे गये सवालों के बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि गऊ, गंगा और शराबबंदी को लेकर उन्होंने लड़ाई शुरू की है।

उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो शराब बंदी कर सकती है। क्योंकि इससे गरीब परिवार बर्बाद हो रहे है। उन्होंने कहा “ अभी मैं सरकार में नहीं लेकिन भाजपा की हूं। अगर सरकार मेरी बात मानकर शराब बंदी को लेकर कदम उठाए तो पूर्व से भी बड़ी जीत कोई नही टाल सकता। लेकिन अगर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो नुकसान पक्का है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर केंद्र सरकार को भी अवगत करा दिया गया है।

उमा भारती से जब बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए पूछा गया तो उन्होंने बताया बुंदेलखंड राज्य बनाने को लेकर अपने असफल रहने की बात स्वीकारते हुए कहा कि यह मुद्दा उनके राजनीति में आने से पहले से चला आ रहा है। इसको तो उठाना चाहिए हम सबके साथ है लेकिन बुंदेलखंड राज्य में मध्य प्रदेश के लोग शामिल नही होना चाहते इसलिए वह बुंदेलखंड राज्य बनवाने में असफल हो रही हैं।

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