भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई ऊंच-नीच की श्रेणी : RSS प्रमुख मोहन भागवत
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मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मैं सब प्राणियों में हूं इसलिए रूप नाम कुछ भी हो लेकिन योग्यता एक है, मान सम्मान एक है, सबके बारे में अपनापन हैं। कोई भी ऊंचा- नीचा नही है। शास्त्रों का आधार लेकर पंडित-विद्वान लोग जो (जाति आधारित ऊंच-नीच की बात) कहते हैं वह असत्य है। सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।
भगवान ने नहीं बनाई है बल्कि जाति पंडितों ने बनाई है। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक है..उनमें कोई जाति या वर्ण नहीं है.. लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई जो कि गलत था। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश में विवेक,चेतना सभी एक है उसमें कोई अंतर नहीं बस मत अलग-अलग हैं। आरएसएस प्रमुख ने यह बयान मुंबई में संत रविदास (संत रोहिदास) की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया है। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि हिंदू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता। आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संत रोहिदास की जयंती पर कुछ बोलने का मुझे मौका मिला है यह मेरा भाग्य है। संत रोहिदास ने कहा कर्म करो, धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज की उन्नति के लिए काम करना यही धर्म है। सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही धर्म नहीं है और यही वजह है कि समाज के बड़े-बड़े लोग संत रोहिदास के भक्त बनें।
मोहन भागवत ने कहा कि संत रोहिदास ने तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि पहले सत्य, करुणा, अंतर पवित्र,सतत परिश्रम और चेष्टा यह चार मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिया। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति को ध्यान दीजिए..किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए। संत रोहिदास समेत जितने भी बुद्धजीवी हुए उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो लेकिन मकसद हमेशा एक रहा..धर्म से जुड़े रहो।
मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं। काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगज़ेब को पत्र लिखा और कहा हिंदू हो या मुस्लिम हम सभी हम ईश्वर के एक ही बच्चे हैं। अगर यह आपको अमान्य होगा तो उत्तर में आपसे युद्ध करने के लिए आना पड़ेगा। समाज और धर्म को द्वेष के नज़र से मत देखो..गुनी बनो,धर्म का पालन करो।
संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में आज जो बेरोजगारी बढ़ रही है..उसमें भी काम को लेकर बड़ा-छोटा समझना भी एक बड़ी वजह है। संत रोहिदास ने कहा है लगातार कोशिश करते रहो समाज ज़रूर बदलेगा..लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है..उसकी वजह है ही समाज को साथ लेकर चलना होगा..यह संत रोहिदास ने बताया है। उन्होंने कहा कि मानवता धर्म मानने वालों का जो धर्म है वह हिंदू धर्म है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) MP संजय राउत ने कहा, उनके द्वारा कही गई बातें समाज में एकता रखने के लिए बेहद ज़रुरी हैं लेकिन समाज तोड़ने का काम कौन कर रहा है? उनके लोग ही कर रहे हैं। तो सबसे पहले वे यह बात जो लोग सत्ता में बैठे हैं उन्हें समझाएं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने कहा, वे(मोहन भागवत) संत रविदास जयंती कार्यक्रम में थे। उन्होंने 'पंडित' का उल्लेख किया जिसका अर्थ है 'विद्वान'... कुछ पंडित शास्त्रों के आधार पर जाति-आधारित विभाजन की बात करते हैं, यह झूठ है, यह उनका सटीक बयान यह है।
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