UAE Investment in Adani Group: गौतम अडानी को मिला UAE के शाही परिवार का सहारा

UAE Investment in Adani Group: गौतम अडानी को मिला UAE के शाही परिवार का सहारा

नई दिल्ली। अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा है कि अडानी एंटरप्राइज़ेज़ के ₹20,000 करोड़ के एफपीओ को वापस लेने के फैसले से मौजूदा परिचालन और भविष्य की परियोजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, हम परियोजनाओं के क्रियान्वयन और समय पर उनकी डिलीवरी पर ध्यान देना जारी रखेंगे। बुधवार को अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 30% टूटे थे।

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हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अदाणी समूह की कंपनियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए जाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयर लगातार टूटने से उसके बाज़ार पूंजीकरण में $100 बिलियन की गिरावट आई है। इससे पहले अडानी समूह की अदाणी एंटरप्राइजेज ने ₹20,000 करोड़ के एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया था।

हिंडनबर्ग रिसर्च के खुलासे के बाद करोड़ों डॉलर का नुकसान झेलने वाली अडानी एंटरप्राइजेज को संयुक्त अरब अमीरात के शाही परिवार का सहारा मिल गया है, जिसके बाद अडानी की कंपनी के शेयर्स के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। अबू धाबी के शासक परिवार की निवेश फर्म इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी ग्रुप में 400 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है, जो एक बहुत बड़ी घोषणा है, क्योंकि इससे एक बार फिर से निवेशकों के बीच अडानी ग्रुप को लेकर विश्वास लौटेगा, क्योंकि ये निवेश सीधे तौर पर यूएई शाही परिवार की तरफ से किया गया है।

अडानी ग्रुप को पिछले एक हफ्ते में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है और माना जा रहा है, कि अडानी ग्रुप के खिलाफ सेबी की जांच भी शुरू हो सकती है। वहीं, हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप भारत में विपक्ष के निशाने पर है और ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात का शाही परिवार अगर अडानी ग्रुप के साथ खड़ा हो गया है, तो फिर अडानी के लिए ये एक बहुत बड़ा सहारा है।

IHC ने एक बयान में कहा है, कि उसने अपनी सहायक कंपनी, ग्रीन ट्रांसमिशन इन्वेस्टमेंट होल्डिंग RSC लिमिटेड के माध्यम से अडानी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) का 16% हिस्सा सब्सक्राइब किया है। इस घोषणा का मतलब ये हुआ, कि अडानी की कंपनी में 400 मिलियन डॉलर यानि, 40 करोड़ डॉलर का निवेश होगा और इसी खबर के साथ ही अडानी ग्रुप के शेयर्स में जो गिरावट आ रही थी, वो 4 प्रतिशत सुधर गई है।

IHC ग्रुप ने दुबई में एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है, कि वह अडानी इंटरप्राइडजेज के 2.5 अरब डॉलर, यानि 20 हजार करोड़ के शेयर्स में से अनुवर्ती शेयर्स निर्गम में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी और 31 दिसंबर को अडानी इंटरप्राइजेज का एफपीओ बंद होने से पहले ये हिस्सेदारी खरीद ली गई है। IHC ग्रुप ने जो बयान जारी किया है, उसके मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में कंपनी का ये पहला बड़ा इन्वेस्टमेंट है और वो यूरोप, अफ्रीका, एशिया और दक्षिण अफ्रीकी बाजारों में इस साल नये निवेश के अवसरों पर ध्यान दे रही है।

IHC ग्रुप के सीईओ सैयद बसर सुहेब ने कहा है, कि "अडानी ग्रुप में हमारा इंटरेस्ट अडानी इंटरप्राइजेज के बुनियादी मजबूती को देखते हुए है और इसी वजह से अडानी ग्रुप में हमारा काफी विश्वास है।" उन्होंने कहा है, कि उन्हें उम्मीद है, कि अडानी ग्रप दीर्घकाल में काफी अच्छा वृद्धि करेगी और हमारे शेयरधारकों के इन्वेस्टमेंट का मूल्य बढ़ेगा।

IHC का निवेश एक महत्वपूर्ण समय पर आया है, क्योंकि अडानी ने अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप के बाद पेशकश को फिर से मजबूत करने की कोशिश की है। आरोप लगाए गये हैं, कि अडानी ग्रुप ने टैक्स हेवन न्यायालयों में शेल कंपनियों के चक्रव्यूह के माध्यम से लेखांकन धोखाधड़ी और स्टॉक में हेरफेर किया है। लेकिन, शाही परिवार के निवेश के ऐलान के बाद सोमवार को, बीएसई पर अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 3.93% बढ़कर ₹2,869.85 हो गए, हालांकि स्टॉक अभी भी ₹3,112 और ₹3,276 के बीच एफपीओ मूल्य सीमा से नीचे कारोबार कर रहा है।

खुदरा निवेशकों को प्रति शेयर ₹64 की अतिरिक्त छूट मिलेगी। वहीं, एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने मिन्ट से इस इन्वेस्टमेंट को लेकर कहा है, कि IHC की बोली FPO में स्ट्रीट के विश्वास को बढ़ाएगी। यह संस्थागत बही के एक बड़े हिस्से को कवर करेगा और अन्य संस्थागत निवेशकों के साथ-साथ एचएनआई और खुदरा निवेशकों को राहत प्रदान करेगा।

संयुक्त अरब अमीरात की IHC कंपनी ने अडानी ग्रुप में दूसरी बार बड़ा निवेश किया है। पिछले साल भी इस ग्रुप ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनियां, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी इंटरप्राइजेज में 2 अरब डॉलर का निवेश किया था। यह दोनों कंपनियां भारत के स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हैं। आपको बता दें, कि आईएचसी ग्रुप का गठन, संयुक्त अरब अमीरात में गैर-पेट्रोलियम कारोबार में इन्वस्टमेंट करने के लिए किया गया था और इसे साल 1998 में शुरू किया गया था। इस कंपनी के पश्चिम एशिया का सबसे मूल्यवान कंपनी माना जाता है।

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