बरेली: चाहे फिर बर्बाद हो जाएं, किताबें वहीं रखी जाएंगी

बरेली: चाहे फिर बर्बाद हो जाएं, किताबें वहीं रखी जाएंगी

बरेली, अमृत विचार। पिछले साल बारिश के दौरान कांधरपुर के स्कूलों में तीन-तीन फुट तक पानी भर जाने की वजह से बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आईं हजारों किताबें भीगकर बर्बाद हो गई थीं लेकिन इसके बावजूद इस बार भी इन्हीं स्कूलों में बुक डिपो बना दिया गया है। हालांकि इस बार 24 लाख किताबें यहां रखी जाएंगी जिन्हें सुरक्षित रखने के लिए प्रधानाध्यापकों को निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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अगले शैक्षिक सत्र में बच्चों को किताबें बांटने के लिए बीएसए कार्यालय से शासन के अधिकृत प्रकाशकों को क्रय आदेश जारी कर दिया गया है। इस बार करीब 24 लाख किताबें आनी हैं। शासन के निर्देश के मुताबिक शैक्षिक सत्र की शुरूआत के साथ ही इन किताबों को स्कूलों में बच्चों को मुहैया कराया जाना है। पाठ्यपुस्तकों और कार्य पुस्तिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए इस बार भी कांधरपुर के प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल में बुक डिपो बनाया गया है। पिछले सालों में भी इन्हीं स्कूलों में बुक डिपो बनाया जाता रहा है। 

बारिश के दौरान दोनों स्कूलों के आसपास भारी जलभराव होता है लिहाजा किताबों की सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में भारी बारिश के दौरान दोनों स्कूलों में तीन-तीन फुट तक पानी भर गया था। इससे हजारों किताबें भीगकर बर्बाद हो गई थीं। हालत यह हो गई कि किताबों के बंडल पानी में तैरते नजर आए थे। इस पर किरकिरी हुई तो अधिकारियों ने आनन-फानन किताबें जिले के सभी बीआरसी पर भिजवा दी थीं।

इसके बावजूद नए सत्र की किताबों के लिए फिर कांधरपुर के दोनों स्कूलों को बुक डिपो बनाया गया है। बीएसए कार्यालय से जारी पत्र के मुताबिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापकों को किताबों सुरक्षित रखने के लिए जरूरी इंतजाम करने होंगे। पत्र में पिछले साल बारिश के दिनों में पैदा हुए हालात का जिक्र भी किया गया है। गोदाम प्रभारी के पास सिर्फ चाबी संभालने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि प्रधानाध्यापक भी असमंजस में हैं कि अगर पिछली बार की तरह स्कूल में पानी भरा तो वे उसे कैसे रोकेंगे।

शहर में कई स्कूलों में बना सकते थे डिपो
उम्मीद थी कि बच्चों को वितरित की जाने वाली किताबों को लेकर विभागीय अधिकारी इस बार संवेदनशील रवैया अपनाएंगे और शहर में किसी सुरक्षित स्कूल का चयन कर किताबों को सुरक्षित रखेंगे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जसौली स्थित कंपोजिट स्कूल, इज्जतनगर कंपोजिट स्कूल, हरुननगला उच्च प्राथमिक स्कूल जैसे कई स्कूल हैं जहां बुक डिपो बनाने के लिए पर्याप्त कक्ष और सुरक्षित जगह है। ये सभी स्कूल मुख्य मार्गों पर भी हैं लिहाजा वाहनों का आवागमन अपेक्षाकृत ज्यादा सुगम हो सकता है। कांधरपुर में जहां बुक डिपो बनाया गया है, वहां न सड़क बेहतर है न ही भवन उपयुक्त है। हर साल बारिश में किताबों को सुरक्षित रखना भी बड़ी चुनौती होती है।

किताबों को सुरक्षित रखने के लिए प्रधानाध्यापकों को स्कूलों में व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही व्यवस्था का निरीक्षण कर किताबों का सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित कराया जाएगा। - राजीव शर्मा, पटल सहायक बीएसए कार्यालय

सरकारी किताबों के भंडारण को लेकर समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। कांधरपुर स्थित बुक डिपो में जलभराव के कारण किताबें खराब होती हैं। जब पर्याप्त स्थान ही नहीं तो वहां बनाया जाना उचित नहीं। इसके लिए शहर स्थित किसी स्कूल में ही बुक डिपो की व्यवस्था कराई जाएगी। जिससे वाहनों का आवागमन आसानी से हो सके।- जगप्रवेश, सीडीओ

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