मुरादाबाद : हॉकी में देश के कोने-कोने में डंका बजा रहे शहर के गोलकीपर
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर खेलकर सात हाॅकी खिलाड़ी शहर के युवाओं के लिए बनें प्रेरणा
मुरादाबाद,अमृत विचार। पुरुष हॉकी विश्व कप 13 जनवरी से राउरकेला और भुवनेश्वर में शुरू होने जा रहा है। शहर के हॉकी प्रेमी इससे उत्साहित हैं। शहर के हॉकी खिलाड़ी विभिन्न राज्यों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। सात गोलकीपर देश के हर कोने में अपने खेल की चमक बिखेर रहे हैं। ये सभी अपनी प्रतिभा से विपक्षी टीमों को मात दे रहे हैं। यह खिलाड़ी शहर के युवाओं के लिए प्रेरणा बने हैं। इनमें अधिकांश नेशनल खेल चुके है। इनमें कुछ अभी पढ़ाई कर रहे है, तो कुछ प्रदेश टीम के लिए खेल रहे हैं। इनमें शामिल गोलकीपर मोहम्मद कामिल जूनियर नेशनल खेलकर मौजूदा समय में इंडियन ऑयल टीम की ओर से खेल रहे हैं। वहीं सुमित चौहान चार बार नेशनल खेल चुके हैं। ऐसे ही अन्य गोलकीपर भी शहर का मान बढ़ा रहे हैं।
भविष्य के लिए यूथ को तराश रहे इमरान खान
इमरान खान ने हॉकी में गोलकीपर के रूप में करियर की शुरुआत जीआईसी हॉकी मैदान से की थी। जहां उन्होंने अपने खेल के दम पर बनारस स्पोर्ट्स हॉस्टल में जगह बनाई। बनारस टीम की ओर से खेलते हुए राज्य स्तर और नेशनल स्तर पर खेलकर शहर का नाम रोशन किया। इस समय वह मॉडर्न पब्लिक स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर के रूप में यूथ को तराश रहे हैं।
मोहम्मद कामिल ने इंडियन ऑयल टीम में बनाई जगह
देवापुर गांव निवासी मोहम्मद कामिल सायीदा बेगम इंटर कॉलेज मूंढापांडे का छात्र है। हॉकी गोलकीपर के रूप में करियर की राह चुनी। दिल्ली में जूनियर नेशनल खेलकर इंडियन ऑयल टीम में जगह बनाई। हाल ही में शास्त्री हॉकी टूर्नामेंट में खेला है। इसमें इंडियन ऑयल की टीम विजेता रहीं। जिसमें टीम मोहम्मद कामिल ने ही गोलकीपर के रूप में भूमिका निभा थी।
सात बार नेशनल खेल चुके हैं सुमित चौहान
सुमित चौहान ने करियर की शुरुआत जीआईसी हॉकी नर्सरी से की। यह अभी तक चार नेशनल खेल चुके है। जबकि तीन बार जूनियर नेशनल में प्रतिभाग किया है। इन्होंने आठवीं तक की पढ़ाई जीआईसी इंटर कॉलेज से की थी। फिलहाल यह गुरुकुल यूनिवर्सिटी से बीपीएड कर रहे हैं। इनका सपना है कि वह देश के लिए खेले और भारतीय हॉकी जो धाक खो चुकी है। उसे फिर से पूरी दुनिया पर जमाने में टीम की मदद करें।
विक्रांत यादव ने बनाई यूपी की टीम में जगह
विक्रांत यादव एक होनहार गोलकीपर है। इन्होंने समर कैंप में शहर के मशहूर जीआईसी हॉकी मैदान में प्रशिक्षण लिया। जिसके बाद उनका चयन स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ में हो गया। अभी वह यूपी के लिए नेशनल खेल रहे हैं। अभी विक्रांत को ओएनजीसी से स्टाइपेंड पर रखा है। विक्रांत यादव का सपना देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड जीतना है।
यूनिवर्सिटी स्तर पर अपना खेल निखार रहे मोहम्मद रेहान
मोहम्मद रेहान शहर के उभरते खिलाड़ियों में से एक है। उन्होंने अपनी छोटी उमर में ही अपने खेल से प्रभावित किया है। उन्होंने अपने छोटे से करियर की शुरुआत कोच इकबाल खान के अंडर में की थी। यहां उन्होंने लगातार अपने खेल को निखारा। हाल ही वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ओर से यूनिवर्सिटी स्तर पर खेले है। उम्मीद है कि वह जल्द ही राज्य और नेशनल स्तर पर खेलेंगे।
कोच की सलाह पर गोलकीपर बने मोहित मलिक
मोहित कभी भी गोलकीपर नहीं बनना चाहते थे। उनकी पहली पसंद फारवर्ड बनना थी। उन्होंने दो साल तक फारवर्ड के रूप में ही अभ्यास किया। लेकिन, कोच इकबाल उनमें हमेशा एक गोलकीपर देखते थे। दो साल बाद कोच ने उन्हें गोलकीपर के रूप में खिलाना शुरु किया। मोहित मलिक ने अतहर खां गोल्ड कप में मुरादाबाद टीम की ओर से प्रतिभाग किया। तभी जय भारत हॉकी एकेडमी दिल्ली टीम के कोच की नज़र उन पर पड़ी। जिसके बाद से वह जय भारत हॉकी एकेडमी के ओर से गोलकीपर के रूप में खेल रहे हैं।
हॉकी ने दिलाया असद को एएमयू में दाखिला
असद उल्लाह जाफरी ने जीआईसी के कंक्रीट भरे मैदान पर खेल कर इसी साल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दाखिला पाया है। वह एक शानदार गोलकीपर है। कोच ने बताया कि वह पिछले कुछ सालों में शहर के सबसे अच्छे गोलकीपर में शामिल हैं। वह हमेशा अपने खेल में निखार लाने का प्रयास करते हैं। असद ने बताया कि परिवार उन्हें हमेशा खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता था।
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