चीन ने लिया 'तिब्बत' का बदला, दो अमेरिकी नागरिकों पर लगाया प्रतिबंध 

चीन ने लिया 'तिब्बत' का बदला, दो अमेरिकी नागरिकों पर लगाया प्रतिबंध 

बीजिंग। तिब्बत में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में चीन ने दो अमेरिकी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों से चीन के व्यवहार को लेकर उसका अमेरिका के साथ गतिरोध है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरकी नागरिकों-टोड स्टीन और माइल्स यू माओचुन तथा उनके परिवार के सदस्यों पर चीन में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। उसने कहा कि चीन में मौजूद उनकी किसी भी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा और चीन के अंदर उनके किसी भी व्यक्ति या संगठन से संपर्क पर प्रतिबंध रहेगा। 

नोटिस में कहा गया है कि ये कदम अमेरिका द्वारा 'तिब्बत मानवाधिकार मुद्दे के बहाने' दो चीनी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के जवाब में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन इसे 'अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों' के उल्लंघन मानता है और वह उसी का जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा कि स्टीन एवं यू ने 'तिब्बत और चीन से संबंधित अन्य मुद्दों पर बहुत गलत ढंग से व्यवहार किया।  माओ ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम एक बार फिर इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि तिब्बत का मामला विशुद्ध रूप से चीन का आंतरिक मामला है और अमेरिका को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन के आंतरिक मामलों में बड़े हस्तक्षेप का चीन की ओर से मजबूत जवाब से दिया जाएगा।' प्रवक्ता ने कहा, 'हम अमेरिका से तथाकथित प्रतिबंधों को वापस लेने और तिब्बती मामलों तथा चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने का आग्रह करते हैं।'

'द एसोसिएटेड प्रेस' (एपी) को एक ईमेल की गई टिप्पणी में स्टीन ने कहा कि बड़े संदर्भ में देखें तो उनके खिलाफ प्रतिबंध के आदेश से 'कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, 'मायने यह रखता है कि चीनी अधिकारियों ने हजारों लोगों को जेल में डाल दिया है। आइए उनके मानवाधिकारों के हनन से ध्यान न हटाएं। यू से टिप्पणी के लिए तत्काल संपर्क नहीं हो पाया। नौ दिसंबर को अमेरिका ने 2016 से 2021 तक तिब्बत में शीर्ष अधिकारी रहे वू यिंगजी और 2018 से क्षेत्र के पुलिस प्रमुख रहे झांग होंगबो पर प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा, हमारी कार्रवाइयों का उद्देश्य तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में चीन को धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों की मनमाने ढंग से हिरासत लेने और उनका शारीरिक शोषण करने से रोकना है।

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