Oppressive Policies के विरोध में Iranian Women Activists कैसे अपनी Powerful Image का इस्तेमाल करती हैं ... यहां समझिए

Oppressive Policies के विरोध में Iranian Women Activists कैसे अपनी  Powerful Image का इस्तेमाल करती हैं ... यहां समझिए

यूजीन (यूएस)। पुलिस की कारों के ऊपर खड़ी ईरानी महिलाओं और किशोर लड़कियों की बिना हिजाब वाली तस्वीरें या अयातुल्ला की तस्वीर को हटाने की तस्वीरें पिछले कुछ महीनों के दौरान ईरान में विरोध प्रदर्शनों का अहम हिस्सा रही है। दरअसल, टाइम पत्रिका की ‘‘2022 की शीर्ष 100 तस्वीरों’’ की सूची में शामिल करने के लिए चुनी गई ईरानी विरोध तस्वीरों में से एक सैन्य पुलिस ब्रिगेड से भाग रही महिलाओं में से एक की है और दूसरी कार पर हाथ उठाकर खड़ी एक बिना हिजाब वाली महिला की है। राजनीतिक आंदोलनों में छवियों के उपयोग का अध्ययन करने वाले एक विद्वान के रूप में, मुझे ईरानी विरोध तस्वीरें शक्तिशाली और आकर्षक लगती हैं क्योंकि वे अवज्ञा के कई तत्वों को एक साथ पेश करती हैं। वे लैंगिक उत्पीड़न का विरोध करने के लिए गायन और नृत्य जैसे अवैध माने जाने वाले कार्यों की तस्वीरें और वीडियो साझा करने वाली ईरानी महिलाओं के एक लंबे इतिहास को प्रतिबिंबित करती हैं। 

पिछले ईरानी आंदोलनों की तस्वीरें
ईरानी महिलाओं ने 1979 की इस्लामी क्रांति, जब इस्लामी शासन द्वारा अनिवार्य हिजाब कानूनों के विरोध को क्रूरता से कुचल दिया गया था, के बाद लगभग तीन दशक तक अपनी स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सार्वजनिक प्रदर्शनों में भाग नहीं किया। 2009 में चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ ईरानी हरित आंदोलन में, हालांकि, महिलाओं ने एक प्रमुख भूमिका निभाई। एक युवा महिला प्रदर्शनकारी, नेदा आगा-सुल्तान की तस्वीरें, जिन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों ने गोली मार दी थी, वायरल हो गई, जिसके बाद लाखों ईरानी विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो गए। बाद के विरोध प्रदर्शनों में, इस्लामी गणराज्य के खिलाफ लामबंदी करने के महिलाओं के प्रयास सामने आते रहे हैं। 

2014 में, महिलाओं ने ‘‘माई स्टील्थी फ्रीडम’’ आंदोलन के बैनर तले बिना हिजाब के सार्वजनिक रूप से चलने, साइकिल चलाने, नाचने और गाने का रिकॉर्ड बनाना शुरू किया। न्यूयॉर्क में ईरानी मूल के एक पत्रकार मसीह अलीनेजाद द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन ने महिलाओं को हिजाब और अन्य प्रतिबंधात्मक कानूनों को मानने के लिए मजबूर करने का विरोध किया और महिलाओं को इनका उल्लंघन करते हुए दिखाया। बिना हिजाब के शहर की व्यस्त सड़कों पर चलना, पार्कों में बाइक चलाना जहां महिलाओं के लिए इस तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित हैं और शहर के चौराहों में नृत्य मंडलियों में शामिल होना उन तरीकों में से थे जिनमें ईरानी महिलाओं ने दमनकारी कानूनों और प्रथाओं का विरोध किया था। चार साल बाद, ‘‘गर्ल्स ऑफ रिवॉल्यूशन स्ट्रीट’’ के नाम से प्रचलित हुए एक विरोध प्रदर्शन में, विदा मोवाहेद नाम की एक महिला को तेहरान की रेवोल्यूशन स्ट्रीट पर खड़े दिखाया गया उसके हाथ में एक छड़ी थी जिसपर वह अपने हिजाब को झंडे की तरह लहरा रही थी। जल्द ही, अन्य लोगों ने ईरान में अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इसी तरह मोवाहेद का अनुसरण किया।

 इस तरह अनिवार्य रूप से पर्दा करने का विरोध करने वाले दर्जनों लोगों की छवियों को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया और बाद में वैश्विक समाचार नेटवर्क द्वारा उठाया गया, जिससे ईरान में महिलाओं के प्रतिरोध प्रयासों पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित हुआ। प्रदर्शनकारियों द्वारा छवियों का उपयोग दुनिया भर के अन्य विरोध प्रदर्शनों में भी प्रतिरोध का एक केंद्रीय भाग रहा है। अरब स्प्रिंग के दौरान, 2010 की शुरुआत में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में फैले सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला से जुड़ी छवियों ने लोगों को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिस्र की सड़कों पर सरकारी बलों द्वारा घसीटी जा रही एक महिला की तस्वीर, जिसमें उसका बदन उघड़ा हुआ था, ने बहुत से लोगों को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने की एक वजह दे दी, जिसे मिस्र के विद्रोह में शासन की हिंसा का एक स्पष्ट उदाहरण माना गया। इन छवियों ने प्रदर्शनकारियों को समस्या की वजह बताने की शासन की व्याख्याओं को चुनौती दी और सरकार-नियंत्रित समाचार नेटवर्क को दरकिनार करके दुनिया को यह दिखाने में मदद की कि दरअसल हकीकत में क्या हो रहा है। 

इस तरह के प्रतिरोध का क्या मतलब है
ईरानी महिलाएं इस्लामिक रिपब्लिक की लैंगिक नीतियों का विरोध कर रही हैं और अपने शारीरिक हावभाव के माध्यम से दुनिया को दिखा रही हैं कि स्वतंत्रता और लिंग पहचान का उनके लिए क्या मतलब है। महिलाओं की स्वतंत्र रूप से बाइक की सवारी करने या विपरीत लिंग के सदस्य के साथ बैठने,जो इस्लामी गणराज्य के तहत महिलाओं के लिए वर्जित हैं, की छवियां रोज़मर्रा के कार्यों के माध्यम से विरोध करने के तरीके हैं । इन कार्यों में अपनी व्यापक भागीदारी के माध्यम से, महिलाओं ने एकजुटता दिखाई है। चूंकि इस्लामी गणराज्य के लिए इस तरह के विरोध को दबाना मुश्किल है, तो वह अक्सर प्रमुख कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके जवाब देता है, और उन्हें कई सालों तक कैद कर दिया जाता है। 2019 में, इस प्रकार के विरोध से जुड़ी एक कार्यकर्ता, यासमन आर्यनी को तेहरान मेट्रो में फूल बांटने का एक वीडियो सामने आने के बाद 16 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अवज्ञापूर्ण कार्यों में शामिल ईरानी महिलाओं की छवियां उनके दैनिक उत्पीड़न को स्पष्ट करती हैं। आज की विरोध तस्वीरें पिछले प्रतिरोध प्रयासों का हिस्सा हैं और ईरान सरकार का विरोध करने की परंपरा पर आधारित हैं। 

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