बरेली: मंडल में गुजरे जमाने की बात होगा राज्य खाद्य निगम
सिंगल स्टेज व्यवस्था से किया जाएगा सभी खाद्यान्न का उठान, बरेली मंडल के कुल 52 ब्लाकों में चल रहे थे एसएफसी के गोदाम
बरेली, अमृत विचार। राज्य खाद्य निगम ( एसएफसी) अब बरेली मंडल में गुजरे जमाने की बात होगी। ब्लाक गोदामों पर खाद्यान्न की हेराफेरी से लेकर कालाबाजारी पर अब नकेल कस सकेगी। गरीबों को दिए जाने वाला राशन सीधा एफसीआई गोदामों से सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों तक पहुंचेगा।
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इसकी शुरुआत बीते साल ही सिंगल स्टेज व्यवस्था लागू करने के बाद कर दी गई थी, लेकिन नई व्यवस्था से केवल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को दिया जाने वाला खाद्यान्न ही कोटेदारों तक पहुंच रहा था। अब यह पूरी जिम्मेदारी खाद्य विपणन विभाग की होगी। ऐसे में राज्य खाद्य निगम का वजूद ही मंडल से से खत्म हो जाएगा। इसी महीने से खाद्य विपणन विभाग अक्टूबर के पीएमजीकेएवाई के खाद्यान्न का उठान शुरू करेगा।
राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) पिछले कुछ वर्षों से लगातार विवादों में फंसा रहा है। कालाबाजारी तो कभी खाद्यान्न में मिलावट के मामले लगातार सुर्खियों में रहे। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को गेहूं व चावल के साथ मुफ्त चना, खाद्य तेल व नमक भी वितरित किया। जिसमें जमकर हेराफेरी के आरोप लगे।
ब्लाक गोदामों से घटिया क्वालिटी का चना मिलाकर गरीबों को दिया गया। यह सारा खेल राज्य खाद्य निगम के गोदामों पर विभागीय अफसरों की मिलीभगत से हुआ, लेकिन शासन को मिल रहीं शिकायतों के बाद बीते साल सिंगल स्टेज व्यवस्था लागू की गई। ठेकेदार नियुक्त कर शुरुआत में एनएफएसए के तहत गरीबों को दिया जाने वाला खाद्यान्न सीधे कोटेदारों तक पहुंचाया गया।
राज्य खाद्य निगम के पास केवल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ( पीएमजीकेएवाई), मिड डे मील व तेल, चना, नमक की जिम्मेदारी रही। बीते दिनों तेल, चना, नमक का वितरण बंद कर दिया गया। वहीं अब यह काम भी खाद्य विपणन विभाग को सौंप दिया गया है। ऐसे में राज्य खाद्य निगम के पास करने के लिए कुछ नहीं बचा है।
संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि अब पीएमजीकेएवाई व मिड डे मील के खाद्यान्न उठान की जिम्मेदारी विपणन विभाग की होगी। इससे पहले पूर्व एनएफएसए का खाद्यान्न सिंगल स्टेज व्यवस्था से विभाग द्वारा उठवाया जा रहा है।
52 ब्लाकों पर एसएफसी का वजूद खत्म: बरेली मंडल में लगभग 52 व जिले में 15 ब्लाकों पर एसएफसी काम कर रहा था। राज्य खाद्य निगम प्रबंध निदेशक संतोष कुमार ने काफी प्रयास किया कि बरेली मंडल में एसएफसी को ही काम करने दिया जाए।
कोशिश हुई कि ब्लाक गोदामों से कम से कम मिड डे मील का खाद्यान्न उठता रहे। इसको लेकर खूब पत्राचार भी हुआ। सूत्रों के अनुसार संभागीय खाद्य नियंत्रक जोगिंदर सिंह के प्रयासों से ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया।
सिंगल स्टेज पर भी लगा कालाबाजारी का दाग: बीते साल जब सिंगल स्टेज व्यवस्था को लागू किया गया तो दावा किया गया कि इस व्यवस्था से सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी पर लगाम कसेगी। हालांकि, बीच-बीच में कोटेदारों ने इस पर भी सवाल खड़े किए।
लेकिन सबसे बड़ा दाग पिछले सप्ताह लगा जब परसाखेड़ा में सरकारी खाद्यान्न की डिलीवरी को जा रहा ट्रक संदिग्ध अवस्था में खड़ा मिला। पता चला कि गेहूं का वजन बढ़ाने के लिए कट्टों पर पानी डाला गया। दो परिवहन फर्मों व ट्रक ड्राइवर पर रिपोर्ट दर्ज की गई। बाद में संभागीय खाद्य नियंत्रक कार्यालय में अनुबंधित गोरखपुर की परिवहन फर्म को काली सूची में डाला गया।
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