अब आजम खान का ‘गुलाम’ नहीं बना रहेगा मुसलमान : भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना
भाजपा का डर दिखाकर आजम करते रहे मुसलमानों पर राजनीति, नौजवान मुसलमान समझ चुके हैं भाजपा के साथ रहने में है विकास
रामपुर, अमृत विचार। उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने कहा है कि सपा नेता आजम खान ने मुसलमानों को भाजपा का डर दिखाकर उनसे उनका सबकुछ छीनने की कोशिश की और उनके प्यार को ‘गुलामी’समझा। उन्होंने कहा कि रामपुर के मुसलमान अब हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा छोड़कर उज्ज्वल भविष्य की तरफ देख रहे हैं और इस बार वे नया इतिहास रचने का मन बना चुके हैं।
सक्सेना ने कहा कि आजम खान ने मुसलमानों को राजनीतिक रूप से अपना गुलाम बनाने पर ही पूरा ध्यान लगाया। नतीजा यह हुआ कि रामपुर का कारोबार चौपट हो गया और मुस्लिम नौजवानों का भविष्य अधर में लटका रहा। जहां तक रामपुर के मुसलमानों की बात है तो हम आजम खां के हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को छोड़कर उद्योग और रोजगार की बात कर रहे हैं। जिस तरह से युवा साथियों का समर्थन मिल रहा है उससे यह साबित होता है कि यहां का मुसलमान इतिहास रचने का मन बना चुका है। रामपुर का परिणाम ऐतिहासिक होगा और यह देश की दिशा और दशा तय करेगा।
रामपुर एक जमाने में उद्योगों के मामले में प्रदेश में दूसरे स्थान पर था। हम रामपुर को वही दर्जा वापस दिलाएंगे। रामपुर को एक उद्योग नगरी के तौर पर विकसित किया जाएगा। मुसलमानों को भी रोजगार चाहिए, भविष्य की उम्मीदें चाहिए। रामपुर का यह उपचुनाव मुसलमानों के पास एक सुनहरा मौका है कि वे दास्तां के चोले को उतार फेंकें और भाजपा की अगुवाई में एक नए भविष्य की तरफ आगे बढ़ें।
‘आजम को 50 साल दे दिए मुझे सिर्फ 50 महीने देकर देखें’
आकाश सक्सेना ने कहा, रामपुर की जनता ने आजम खान को 50 साल दिए हैं, मुझे सिर्फ 50 महीने देकर देखें। अगर वह मेरे काम से संतुष्ट नहीं हों तो अगले विधानसभा चुनाव में मुझे हरा दें। मुझे कोई शिकायत नहीं होगी। पसमांदा मुसलमानों पर भाजपा की निगाह से जुड़े एक सवाल पर सक्सेना ने कहा कि रामपुर में बहुत बड़ी आबादी पठान मतदाताओं की है और पसमांदा वह वर्ग है जिसे कोई महत्व नहीं देता था।
सक्सेना ने कहा कि रामपुर की बदकिस्मती देखिए कि ढाई लाख पठान होने के बाद भी आज उनकी बहुत बड़ी आबादी आर्थिक रूप से पिछड़े की श्रेणी में आती है। उन्होंने कहा कि रामपुर के ज्यादातर पिछड़े मुसलमान पिछले लगभग चार दशक तक आजम खां के साथ रहे लेकिन बदले में उन्हें सम्मान तक नहीं मिला। उन्होंने भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’के नारे को दोहराते हुए कहा, मुसलमानों का सम्मान भाजपा के शासन में ही महफूज है।
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