Court Activities में Regional Languages को प्राथमिकता दें : Minister Kiren Rijiju

Court Activities में Regional Languages को प्राथमिकता दें : Minister Kiren Rijiju

चेन्नई। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को देश में अदालतों की रोजमर्रा संबंधी गतिविधियों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल की हिमायत की और कहा कि वह एक भाषा को थोपे जाने के खिलाफ हैं। किरेन रिजिजू ने यह भी कहा कि न्याय तक सुलभ पहुंच वक्त की मांग है।

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तमिलनाडु के डॉ. आंबेडकर विधि विश्वविद्यालय (टीएनडीएएलयू) के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने तमिलनाडु सरकार की भी सराहना की। उन्होंने कहा, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) हमारी संस्कृति और हमारी भाषा के साथ-साथ देश को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता रखते हैं। मैं इस बात पर भी जोर देता रहा हूं कि भारतीय अदालतों और भारतीय कानूनी व्यवस्था में कामकाज संबंधी गतिविधियों में क्षेत्रीय भाषाएं होनी चाहिए।

किरेन रिजिजू ने कहा, मैंने पहले ही भारत के प्रधान न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के सभी मुख्य न्यायाधीशों से बात की है कि भविष्य में हमें क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा, हम सभी को यह देखकर गर्व होगा कि उच्च न्यायालय और सभी जिला व अधीनस्थ अदालतों में (भविष्य में) तमिल भाषा केंद्र में हो।

मंत्री ने कहा, मैं केवल एक भाषा थोपने का विरोध करता हूं। हमें स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। तमिलनाडु के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आर.एन. रवि और राज्य के कानून मंत्री एस रघुपति सहित अन्य लोगों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

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