अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे रामकुमार दास: स्वामी राघवाचार्य
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अमृत विचार, अयोध्या। साकेतवासी महामंडलेश्वर स्वामी रामकुमार दास अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे। उनका साकेतवास संत समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। उनके साकेत गमन से संत समाज ही नहीं सर्व समाज दुखी एवं शोकाकुल है। यह बात जगद्गुरु रामुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य ने रविवार सांय रामकोट स्थित श्री वेदमंदिर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कही। कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि महाराजश्री बहुत ही मिलनसार संत थे।
जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजय शरण ने कहा कि स्वामी रामकुमार दास महाराज सूक्ष्म रूप से हम सबके बीच में हैं। बड़ा भक्तमाल के महंत स्वामी अवधेश कुमार दास और हनुमानगढ़ी के महंत गौरी शंकर दास ने कहा कि महाराज जी संत सेवा, गौ सेवा में हमेशा लीन रहते थे। जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा कि वे संत और सनातन परंपरा के संवाहक थे।
श्रद्धांजलि सभा में महंत राममंगल दास रामायणी, सनकादिक आश्रम महंत संतोष दास, रामचरित मानस विद्यापीठ महंत कमलादास रामायणी, महंत रामशंकर दास रामायणी ने भी भाव पुष्पांजलि अर्पित की।साकेत भवन महंत सीताराम दास, गोवर्धन दास, पहलवान घनश्याम दास, आचार्य नारायण मिश्रा, प्रियेश दास, आचार्य वरूण दास, दिव्य कृष्ण शास्त्री, आदि मौजूद रहे। बता दें कि संत रामकुमार दास 21 नवम्बर को गोलोकवासी हो गए थे।
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