मुरादाबाद : नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है संविधान- डीएम
'हमें संविधान के प्रावधानों का पालन कर सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देना होगा'
संविधान दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार में संविधान के नियमों-प्रावधानों के पालन की शपथ दिलाते जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह
मुरादाबाद,अमृत विचार। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि भारत का संविधान अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर उन्हें संवैधानिक संरक्षण प्रदान करता है। इसके नियमों, प्रावधानों का पालन करने की शपथ लेकर अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वाह करने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने संविधान दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों कर्मचारियों को संविधान के नियमों के पालन और इसके आधार पर देश को अखंड, अक्षुण्ण रखने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 26 नवंबर, 1949 को देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था।
जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने पोस्टर पर लिखकर संविधान की रक्षा करने का संकल्प दोहराया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी सहित कलेक्ट्रेट अधिष्ठान के अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
संविधान मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का कराता है स्मरण
संविधान दिवस के अवसर पर चित्रगुप्त इण्टर कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के नेतृत्व में विचार गोष्ठी एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। गोष्ठी की शुरुआत डॉ भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजीव कुमार ने कहा हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।संविधान दिवस हमें हमारे मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का स्मरण कराता है।यह पूरे देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करता है। प्रधानाचार्य वीर सिंह ने कहा संविधान हमें वर्तमान से जोड़ने का कार्य करता है, जब लोग जनतंत्र का महत्व दिन-प्रतिदिन भूलते जा रहे है ऐसे में संविधान दिवस यही वह तरीका जिसे अपनाकर हम अपने देश के संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजली प्रदान कर सकते है। इसके बाद विद्यार्थियों से संविधान संबंधी प्रश्नों के उत्तर दिए गए। इस अवसर पर राजपाल सिंह , अनिल कुमार, रावेन्द्र सिंह, यश ने भी अपने विचार व्यक्त किए। पुलकित ने संविधान की प्रस्तावना रखी। संचालन जसवन्त सिंह ने किया।
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