चित्रकूट: अधूरी नाली निर्माण से ग्रामीण परेशान, गंदे पानी से संक्रमण का खतरा बढ़ा

सांसद निधि के 18 लाख रुपये से होना था काम 

चित्रकूट: अधूरी नाली निर्माण से ग्रामीण परेशान, गंदे पानी से संक्रमण का खतरा बढ़ा

चित्रकूट, अमृत विचार। सरकारी काम भी अपने हिसाब से होते हैं। कब शुरू हों, कब खत्म और कब अधूरे छोड़ दिए जाएं, कोई नहीं जानता। विकास खंड रामनगर की ग्राम पंचायत पियरियामाफी का भी यही हाल है। यहां सांसद निधि से बनने वाली नाली बननी तो शुरू हुई पर कुछ दूरी तक बनने के बाद यह कहां गायब हो गई पता तक नहीं चला। अब गांववाले परेशानहाल इस नाली को ढूंढ रहे हैं और पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।  

गांववाले गांवदारी की वजह से नाम छिपाते हुए बताते हैं कि पियरियामाफी में तत्कालीन सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा ने गंदे पानी की निकासी की समस्या को गंभीरता से लेते हुए इस गांव में सांसद निधि से लगभग 18 लाख रुपये नाली के लिए देने की संस्तुति की थी। आननफानन में नाली निर्माण कार्य का शिलान्यास भी कर दिया गया। इसका शिलापट भी लग गया। राजापुर से लालता रोड से लगे मुख्य मार्ग से गांव का संपर्क रास्ता जाता है। गांव के लोग बताते हैं कि इस पियरिया माफी से राजापुर-हटवा मार्ग को एक मार्च 2022 को लोकार्पित किया गया था। 

यह तत्कालीन विधायक मानिकपुर आनंद शुक्ला की विधायक निधि से 9.96 लाख रुपये में बनवाया गया। मुख्य संपर्क मार्ग पर नाली नहीं बनाई गई, जिससे गंदा पानी इस पर बहने लगा और अब यह भी ध्वस्त है। ठेकेदार ने थोड़ी दूर तक लगभग 150 मीटर नाली का निर्माण कराया और फिर काम बंद करा दिया। अब लगभग 500 मीटर गांव बाकी है। तब से लेकर आज तक यह नाली निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। चर्चा यह भी है कि इस नाली निर्माण कार्य के दौरान स्वीकृति धनराशि भी पूरी निकाल ली गई है। 

कुछ ग्रामीणों ने गांव आते जाते जनप्रतिनिधियों से विधायक एवं सांसद से शिकायत की तो नाली निर्माण का काम तो नहीं शुरू हुआ हां इतना जरूर हुआ कि कुछ समय बाद इस शिलापट को ही उसकी जगह से हटा दिया गया। बरसात में दो दिक्कत कई गुना बढ़ जाती है। फिलहाल आधे गांव में नाली न होने से जल निकासी की समस्या जहां बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर मच्छरों से खासी परेशानी है और संक्रामक बीमारियों का खतरा है। यह सब जांच पड़ताल में सामने आ सकता है।

घरों के आगे भरा रहता है गंदा पानी
इसके अलावा 1200 की आबादी वाले इस गांव में कई लोगों के घरों के सामने गंदा पानी भरा रहता है। रामेश्वर यादव, जागेश्वर यादव, अंजनी कुमार ओझा आदि के घरों के आगे पानी बहता रहता है और इससे संक्रामक बीमारियों की भी आशंका है। 

करीबी को दी गई थी जिम्मेदारी
गांववाले तो यहां तक आरोप लगाते हैं कि इस काम का ठेका भी एक करीबी को दे दिया गया, जिससे निर्माण को लेकर गांववाले ज्यादा कुछ बोल सुन नहीं पाए। तत्कालीन प्रधानपति ने इस नाली निर्माण के लिए जिस व्यक्ति को जिम्मेदारी दी, वह भी पहुंच वाला था। ऐसा भी लोग दबी जुबान आरोप लगाते हैं। 

प्रधान बोले, जल्द कराएंगे काम
उधर, इस संबंध में प्रधान योगेंद्र शुक्ला ने बताया कि उनको इस दिक्कत की जानकारी है। यह काम उनके कार्यकाल का नहीं है। जैसे ही बजट आएगा, वह नाली पूरी करा देंगे। यह उनकी जिम्मेदारी है।